शाहजहांपुर में एक और गवाह की गोली मारकर हत्या
ज़िला शाहजहांपुर। 10 जुलाई को आसाराम बापू के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का एक और गवाह मारा गया। घटना के एक दिन बाद ही कृपाल सिंह की मृत्यु हो गई। इस मौत के बाद से आसाराम और उनके समर्थकों पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं।
कृपाल सिंह जि़्ाले में बीमा बेचते थे। आसाराम पर एक सोलह साल की लड़की ने यौन हिंसा का आरोप लगाया था जिसके कारण 1 सितम्बर 2013 को आसाराम को जेल हुई थी। कृपाल सिंह उसी लड़की के पिता के दोस्त थे। उनके परिवार वालों ने बताया कि उन्हें कृपाल के केस में गवाह होने की कोई जानकारी नहीं थी।
सितम्बर 2013 से अब तक आसाराम पर लगे केसों से जुड़े कुल नौ लोगों पर हमले हुए हैं और तीन लोग मर चुके हैं। 11 जनवरी को मुज़्ाफ्फरनगर निवासी अखिल गुप्ता की मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। यू.पी. में हुई दोनों घटनाओं में कई समानताएं बताई जा रही हैं पर पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है।
आसाराम के कारनामे
2008 – आसाराम के मोटेरा स्थित आश्रम से दो लड़के गायब।
2009 – आसाराम के समर्थकों ने गुजरात पुलिस पर किया हमला।
2013 – पहली बार एक सोलह साल की लड़की ने आसाराम पर लगाया यौन हिंसा का आरोप
2013 – 1 सितंबार को आसाराम को जोधपुर से गिरफ्तार किया गया।
2014 – आसाराम समर्थक रामबाबू कोरी को पुलिस को धमकी देने के जुर्म में कानूनी सज़्ाा।
मार्च 2014 – जुलाई 2015 – आसाराम के खिलाफ दर्ज केसों के तीन गवाह मारे जा चुकेे हैं।