जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगावं, गावं सरायमोहाना। इहां खेत के किनारे बसल शाहनी बस्ती में एक भी आवास नाहीं हव। करीब बीस घर वाला इ बस्ती बसले दू पीढ़ी हो गएल हव।
मीरा, सुभाष, गुड्डी समेत कई लोगन के कहब हव कि इ घर में आवास नाहीं हव। मिट्टी के एक घर में दस लोग कइसे रहीयन। बहुत मुश्किल से हमने के दिन गुजरत हव। एक त मिट्टी के घर उपर से एतना ज्यादा परिवार कइसे रहीयन। हमने कई बार प्रधान से भी कहली जब ओन सुने तब तो। हमने के त बस कही भर ने। अब प्रधान काम करवावे या फिर ना करवावे इ त ओनकरे उपर हव।
इ सब के बारे में जब गावं के प्रधान सोनिया से पूछायल त ओनकर कहब रहल कि हमने के काम हव प्रस्ताव बना के देब। जब हमने के उपर से मिली तबही ने हमने देब।
आवास बिना हव मिट्टी के घर
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