जिला महोबा, गांव अजनर में चार आदमियन के नाम 2015 में इंदरा आवास आए लेकिन इन्हें दूसरे क़िस्त के रुपईया नइ मिले जी के कारण इनके घर पूरे नइ बन पाए।
और प्रधान को केबो हे के ये पिछले प्रधान के समय के आवास आय ते फिर भी हम पूरी कोशिश में हे के इनकी दूसरी क़िस्त को भी रुपईया मिल जाबे ।
हरीचरण ने बताई के का करे अब रुपईया नइ मिल रए प्रधान से कही तो बे कह रए ते के जांच कर हे काय नई आए तुमाय रुपईया। केवल पैतीस हजार आए ते 2015 में जब धरम सिंह प्रधान हते और जे नए प्रधान से दस पंद्रह बार बोल चुके हओ हओ के कत रत।
दुरम ने बताई के नौ दस आदमियन के मकान बने ते सबके जेई हाल हे कोऊ के हजार आए कोऊ के बारह सौ आए। अब कोऊ दिल्ली चले गये कोऊ कउ चले गये हम हे सो दूसरे के मकान में रे रए। कबे भगा देबे निकार देबे कछु भरोसो थोड़ी हे।
सुमन ने बताई के प्रधान कह रए के रुक गये रुपईया अब नइ मिल हे। हार गये हम तो प्रधान से कह कह के।
महिमा विधारती खंड विकास अधिकारी ने बताई के हम जो भेज चुके और तहसील दिवस में भी जा बात आई ती तो उन ने बताई के जाके लाने लखनऊ में जाकी चिठ्ठी लिखी गई हे जब भी रुपईया आहे उन्हें दे दओ जेहे ।
रिपोर्टर- श्यामकली
08/12/2016 को प्रकाशित