पुणे, महाराष्ट्र। 26 जनवरी को आर.के. लक्ष्मण चल बसे। लेकिन लक्ष्मण पीछे छोड़ गए हज़ारों कार्टून और चित्र जो बचपन से चैरान्बे साल की उम्र तक वो बनाते आ रहे थे।
लक्ष्मण के आम आदमी का चित्र 1951 से अब तक कभी बदला नहीं और ना ही उसने कुछ बोला। लक्ष्मण ने 2011 में एक इंटरव्यू में कहा था कि जब आम आदमी उतना ही लाचार और बेबस है जितना पचास साल पहले था तो उनके चित्रों में वह कैसे बदल सकता है।
लक्ष्मण का जन्म 1921 में कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में हुआ था। उन्हें बचपन से चित्रकारी का शौक था। उनका नाम देश की राजनीति से हमेशा जुड़ा रहेगा क्योंकि ऐसा कोई नेता नहीं होगा जिसे उन्होंने ना दर्शाया हो।
आर.के. लक्ष्मण का सबसे मशहूर कार्टून था इस आम आदमी का। 1951 में इसे पहली बार लक्ष्मण ने बनाया था और साठ साल बाद उनकी मृत्यु तक वे इसके ज़रिए आम आदमी की समस्याओं को दर्शा रहे थे।