भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) सर्वे में सामने आया है कि लोगों की आर्थिक स्थिति 2014 के मुकाबले और खराब हुई है। रिजर्व बैंक समय–समय पर कंज्यूमर कांफिडेंस(ग्राहक आत्मविश्वास) सर्वे कराता है, जिससे पता चलता है कि लोगों की आर्थिक हालत कैसी है।
हाल में जो सर्वे हुआ उसमें सामने आया है कि पिछले एक साल में लोगों की आर्थिक हालत पहले से खराब हुई है। ऐसा मानने वालों की तादाद 48 फीसदी है।
दिल्ली, मुंबई, बेंग्लुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में हुए इस सर्वे में हालांकि करीब 32 फीसदी ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि उनकी आर्थिक हालत में सुधार हुआ है।
इतना ही नहीं आने वाले दिनों में भी लोगों को हालात में सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आ रही। साथ ही जब इस साल के आंकड़ों की 2014 के आंकड़ों से तुलना की जाती है तो सामने आएगा कि हालात इतने खराब है कि लोगों ने अब मौजूदा सरकार से उम्मीद ही छोड़ दी है।
इस साल जिन लोगों को सर्वे में शामिल किया गया उनमें से 49.5 फीसदी को लगता है कि अगले एक साल में हालात में सुधार होगा, जबकि 27.8 फीसदी मानते हैं कि हालात और खराब होंगे।
जबकि 2014 में जब यह सर्वे किया गया था तो 56.7 फीसदी लोगों ने कहा था कि हालात में सुधार की उम्मीद है और ऐसा न माने वाले लोगों का प्रतिशत 17.6 था। यानी 2014 में लोगों ने जो उम्मीदें इस सरकार से लगाई थीं, वह टूट चुकी हैं और उन्हें इस सरकार से किसी अच्छे दिन की उम्मीद भी नहीं है।
आरबीआई सर्वे: लोगों की आर्थिक स्थिति 2014 के मुकाबले हुई अधिक खराब
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