कश्मीर की 21 साल की आयशा अजीज को पिछले हफ्ते ही पायलट का कमर्शियल लाइसेंस मिला है। आयशा यदि रशियन सोकुल एयरबेस मिग-29 फाइटर जेट उड़ाने की योजना सफल हो जाती है तो वह ध्वनि की गति से परे के फाइटर को उड़ाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय लड़की बन जाएंगी।
आयशा ने इसके लिए स्कूल से ही ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। जब वह 16 साल की थीं, तभी बॉम्बे फ्लाइंग क्लब से उन्होंने स्टूडेंट पायलट लाइसेंस प्राप्त कर लिया था। इसके बाद 2012 में नासा से उन्होंने दो महीने का अतरिक्ष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा किया। वह तीन भारतीयों में चुनी गई थीं। उनकी प्रेरणा भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स हैं।
आयशा की मां जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले की हैं जबकि पिता महाराष्ट्र के मुंबई से हैं। आयशा के भाई आरिब लोखंडवाला ने कहा कि मुझे उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। हम चाहते हैं कि वह आगे और आगे बढ़ती रहे। वह मेरी प्रेरणा हैं। आयशा की नजरें पूरी तरह से अपने फाइटर विमान उड़ाने के मिशन पर हैं।
यही नहीं आयशा ने कश्मीर लड़कियों के लिए मैसेज भी दिया कि उन्हें अपने सपनों का पीछा करना होगा। अपने जीवन में लक्ष्य रखें और उन्हें पूरा करें।