जिला ललितपुर, गांव सैदपुर के घनश्याम कुशवाहा शीशा बनानें का काम करते हैं।एक दिन में सत्तर अस्सी शीशे बनातें हैं। समय बचनें पर खेती के साथ-साथ मजदूरी भी कर लेते हैं। तो है न आम के आम गुठलियों के दाम।
करीगर घनश्याम कुशवाहा का कहना है कि हम अकेले थे तो किसी काम में मन नहीं लगता था। तब मैंने दुकान करने के लिए सागर से माल लेकर आया और शीशा बनानें का काम करने लगा। शीशा बनानें का काम अपने से सीखा है और अपने घर में बनाता हूँ।पहले कठवा के फोम से शीशा बनातें थे।शीशा बनानें में कांच, बीड,कोहनियाँ, कुंदा और कीलें लगतें हैं। सागर में यह सारे सामान मिल जाते हैं। हमारे शीशे खरीदने के लिए सभी जगह से लोग आते हैं। आगे भविष्य में अपने बच्चों से भी यही काम कराऊंगा।मेरा बड़ा बेटा इस काम को सीख भी रहा है।
रिपोर्टर- राजकुमारी
Published on Jan 5, 2018