जिला वाराणसी ब्लाक चिरईगंव गावं डुबकिया। इहां के सुनरा देवी के कहब हव कि हमार उमर करीब अस्सी साल के हो गएल हव लेहिकन अभहीं तक हमके वृद्धा पेंशन नाहीं मिलत। यहीं के शमसुन निशा बतावलीन कि हम विकलांग हई। हमार उमर भी सरसठ साल के आसपास हव। लेकिन आज तक हमके कउनों पंेशन नाहीं मिलत हव। सुनरा देवी के कहब हव कि हमार एतना बुढ़ापा के शरीर हव। उमर भी ज्यादा हो गएल हव। लेकिन हमके अभहीं तक पेंशन नाहीं मिलत। केतना बार प्रधान से कहल जाई। अब लइकन पर का भरोसा करल जाय। जब भी देखीयन उ लोग आपन परिवार देखीयन कि हमार धियान देहियन। शमसुन निशा के कहब हव कि जब प्रधान से कहब त कहीयन कि आज बनी कल बनी। कब बनी कुछ अता पता नाहीं चलत हव। विकास समाज कल्याण सहायक प्रभुनाथ यादव के कहब हव कि वृद्धा पेंशन खातिर के 2002 के सूची में नाम होवे के चाही आउर उमर साठ साल से ज्यादा होवे के चाही।
आधा तिहा चलत हव पेंशन के योजना
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