राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से आज बजट सत्र 2018-19 की शुरुआत हो गई। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सरकार के कई कार्यों की तारीफ की जिसमें तीन तलाक बिल, मुस्लिम महिलाओं पर से हज की पाबंदी हटाने, अटल पेंशन योजना, नीम कोटिंग यूरिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी बातें प्रमुख रहीं।
आज बजट सत्र के पहले दिन पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट संसद में पेश करेंगे। यह रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है
आगे आने वाले दिनों में, केंद्रीय बजट एक फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। 9 फरवरी से सत्र में अवकाश घोषित होगा। बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च से शुरू होगा, जो छह अप्रैल तक चलेगा। अभी तक 28 फरवरी को बजट पेश किया जाता था एवं रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2017 में इस चलन में बदलावा करते हुए इसकी तिथि बदलते हुए इसकी तारीख 1 फरवरी कर दी थी। इसके साथ ही सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए रेल बजट को मुख्य बजट में शामिल करने का फैसला किया था।
सरकार तीन तलाक के सुझावों पर चर्चा करेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि इस सत्र में तीन तलाक बिल राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की ओर से उठाए गए मुद्दों के बाद ‘न्यायपालिका में संकट‘ के मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा के लिए दबाव डालेंगे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में ‘न्यायपालिका संकट‘ का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जुड़े विवादास्पद घटनाक्रम पर संसद में चर्चा करने की जरूरत है।
ताजा खबरों के अनुसार, संसद भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूरे अभिभाषण के दौरान सरकार की नीतियों और योजनाओं का जिक्र करते हुए कई अहम उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही तीन तलाक बिल पर भी बोलते हुए कहा कि इसे पास कराया जाना चाहिए। यह मुस्लिम महिलाओं के हित में है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार का मकसद सबका साथ सबका विकास है। साथ ही एक साथ चुनाव कराए जाने पर भी बल दिया।