पुलिस के खोज से जुडी संस्था ‘ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ या बी पी आर डी के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में ताबड़तोड़ आई पी एस के तबादले होते हैं। हर साल औसतन ढ़ाई सौ आई पी एस का तबादला हो जाता है। कई आई पी एस तो अपना कार्यकाल 6 महीने से ज्यादा पूरा नहीं कर पाता। पुलिस के खोज से जुडी संस्था ‘ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ या बी पी आर डी के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में ताबड़तोड़ आई पी एस के तबादले होते हैं। हर साल औसतन ढ़ाई सौ आई पी एस का तबादला हो जाता है। कई आई पी एस तो अपना कार्यकाल 6 महीने से ज्यादा पूरा नहीं कर पाता। 1 जनवरी 2016 तक यूपी में कुल 404 आई पी एस अधिकारियों की तैनाती थी जो तय सीमा से 21 प्रतिशत कम है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में आई पी एस अफसरों के स्वीकृत पोस्ट 517 है लेकिन फिर भी राज्य में ट्रांसफर की दर राष्ट्रीय औसत से चार गुना अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों के तबादलों में 37 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है लेकिन फिर भी 2006 से 2015 के बीच यूपी में आई पी एस अधिकारी औसतन एक साल से भी कम समय तक अपने पदों पर रहे। आंकड़ों के अनुसार, 2007 से 2015 (2006 के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं) के बीच यूपी में दो हजार दो सौ इक्यावन बार आईपीएस अधिकारियों की बदली हुई जो कि भारत में हुए आई पी एस ट्रांसफर का 43 प्रतिशत थी। इसी बीच पूरे भारत में कुल 5169 बार आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ। जिसमें आधे तबादले सिर्फ यूपी में हुए। यूपी में आई पी एस अधिकारियों की संख्या भारत के आई पी एस कैडर की 11 फीसदी है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आई पी एस अधिकारियों के ट्रांसफर के मामले में यूपी जैसा कोई और राज्य नहीं है। सूची में दूसरा स्थान तमिलनाडु का भले ही हो लेकिन वहां महज 453 ट्रांसफर ही हुए हैं, जोकि यूपी में हुए तबादलों का लगभग पांचवा हिस्सा (1/5) महज भर है। बता दें कि जनवरी 2016 में समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 80 वरिष्ठ आई पी एस अधिकारियों का तबादला किया था जिसमें एक पुलिस महानिरीक्षक भी शामिल थे। अगले महीने मुख्यमंत्री ने एक ओर भारी तबादला लिस्ट जारी की जिसमें 12 जिलों में तैनात 50 आईपीएस अधिकारियों को इधर-उधर किया गया। खास बात यह रही कि इस लिस्ट में कुछ वे नाम भी शामिल थे जिनके जनवरी में ट्रांसफर हुए थे।यूपी में आईपीएस अधिकारियों की लंबी तबादला सूची कोई नई बात नहीं है। अखिलेश सरकार ने सत्ता में कदम रखते ही मार्च 2012 में लगभग 100 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया था।