देश के आजाद होयला एतना साल हो गेलई लेकिन आई तक जनता आजाद न हई। कही मानव व्यापार हो रहल हई त कही बाल श्रम अउर कहीं बंधुआ मजदूर के कम मजदूरी देके काम करायल जाई हई।
एई काम के सबसे ज्यादा बाॅडर साइड वाला एरिया में कैल जाई दई। भारत से महिला के नेपाल मे बेचल जाई छई। एतेक गलत काम करे वाला व्यक्ति के दोसर कोनो विजनेस न सुझई छई जे ऐइ काम पर उतर जाई छथिन। जगह-जगह होटल मे छोट-छोट बच्चा जे एई उम्र मे पढ़ाई न करके मजदूरी करई छई। बहुत एइसन बच्चा के बाहर आलू प्लान्ट या काई अन्य कम्पनी में काम करे के लेल ले जाई छई अउर ओकरा पर बहुत ही शोषण कयल जाई छई। लेकिन उनकर माता-पिता के बहुत ही कम मजदूरी देल जाई छई। उ लोग थोड़ा रूपईया के लोभ के चलते अपना बच्चा के भविष्य खराब कर देई छथिन। लेकिन उ एतना भी न सोचई छथिन कि अगर हम अपना बच्चा के पढ़ा-लिखा देबई त उ आगे चलके बड़ा आदमी बन सकई छथिन। इ कोई न जनई छथिन कि आई के बच्चा कल के भविष्य हो सकई छई।
एई रोक थाम के लेल अलग-अलग कानून बनल हई, तरह-तरह के संस्था चलायल जा रहल हई। एईके लेल जगह-जगह पुलिस विभाग छापामारी कर रहल छथिन। एकरा बाद भी दिन-प्रतिदिन अत्याचार बढ़ते जा रहल हई।
आई के बच्चा कल के भविष्य
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