जिला चित्रकूट, रजापुर कस्बा के पन्ना लाल के पेड़ा मशहूर हवै। उनके पेड़ा का स्वाद सबसे अलग हवै। पन्ना लाल का पेड़ा इलाहाबाद, बनारस, दिल्ली अउर लखनऊ तक मा पन्ना लाल के पेड़ा बिकै का जात हवै। चन्द्र प्रकाश जायसवाल का कहब हवै कि जउन लोग भी पेड़ा खात हवै। उंई मड़ई पेड़ा के तारीफ करत हवै। मड़ई पन्ना लाल के पेड़ा बनावै के कोशिश करत हवै, पै बना नहीं पावत हवै।
पन्ना लाल के नाती योगेश का कहब हवै कि एक दरकी मा चार किलो का दूध कढ़ाई मा डारा जात हवै। वहिका अउटे का परत हवै। अउटे के बाद खोवा तीन किलो बचत हवै। यहिसे पेड़ा नीक बनत हवै। चार घंटा मा पेड़ा बन के तैयार होत हवै।
सोमनाथ अग्रवाल का कहब हवै कि पन्ना लाल के पेड़ा मीठे कम होत हवै और खोवा ज्यादा रहत हवै। या कारन से पेड़ा नीक लागत हवै।
अनिल कुमार जयसवाल कहिस कि पन्ना लाल का पेड़ा खाये मा मजा आ जात हवै।
पन्ना लाल के नाती योगेश का कहब हवै कि एक दरकी मा चार किलो का दूध कढ़ाई मा डारा जात हवै। वहिका अउटे का परत हवै। अउटे के बाद खोवा तीन किलो बचत हवै। यहिसे पेड़ा नीक बनत हवै। चार घंटा मा पेड़ा बन के तैयार होत हवै।
सोमनाथ अग्रवाल का कहब हवै कि पन्ना लाल के पेड़ा मीठे कम होत हवै और खोवा ज्यादा रहत हवै। या कारन से पेड़ा नीक लागत हवै।
अनिल कुमार जयसवाल कहिस कि पन्ना लाल का पेड़ा खाये मा मजा आ जात हवै।
25/07/2016 को प्रकाशित
आइये चित्रकूट और खाइये राजापुर कस्बे के पन्नालाल के मशहूर पेड़े