उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड इलाके में एक केती लोग ओर जानवर पानी खे तरस के मरत नजर आउत हे। ओतई महोबा जिला के डी.एम. ने जिले में भरपूर पानी होय कि बात कही हे। का प्रशासन महोब जेसे बिहड़, पथरीली ओर पानी कि कमी वाले इलाकन से अनजान हे, जा फेर ऊखा लोगन कि तबाही देखात नइयां। ई कारन हे की ओते की जानता बूंद-बूंद पानी खा भटकत हे ओर गांव छोड़के तालाबन के बीच मे रहें खा मजबूर हे।
महोबा जिला मे पानी की त्राही को आखिर कोन हे जिम्मेंदार? पानी की सुविधा के लाने आंकड़ा तो देखत ओर गिनतई बनत हे। जिला मे 273 ग्राम पंचायत हे। मजरा ओर पूरवा की कोनऊ गिनती नइयां। जिला अधिकारी के अनुसार चालिस गांव मे पानी की कमी हे। पूरे जिला मे अट्ठारह हजार हैण्डपम्प, बासठ टैंकर ओर उन्हत्तर पानी सप्लाई वाली गांवन मे टंकी बनी हे। जीसे पानी की पूर्ति होत हे। जभे की टंकी ओर हैण्डपम्प की हकीकत देखी जाये तो कछू ओर नजर आउत हे। टैंकर को पानी कीखे ओर कित्तो मिलत हे जा गांव के दलित लोगन से पता चलत हे। गांव मे पानी के लाने बच्चन से लेके बूढ़े तक जागत हे। आंकड़ा तो अधिकारी गिना देत हे पे का कभऊं खन्ना जेसे गांव में जाके देखो हे की ओते की जनता को का हाल हे। सवाल जा उठत हे की अधिकारी कोन हिसाब से कहत हे की पानी की कमी नईयां।