सरकार जच्चा ओर बच्चा सुरक्षित रहें के लाने आबादी के हिसाब से जघा-जघा स्वास्थ्य केन्द्र या समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनवाउत हे। महोबा जिला अस्पताल में आई अलग-अलग गांव की डिलेवरी अस्पताल ओर सफाई व्यवस्था खे बारे में कछू एसो बताउत हें।
ब्लाक कबरई, गांव पहरा की कुसुमरानी, महोबा शहर कांशीराम कालोनी की आपदा ओर ब्लाक जैतपुर गांव बौरा की प्रेम कहत हें कि हम 8 अप्रैल 2014 की रात में आये हते। सुबेरे 7 बजे हमाई डिलेवरी हो गई हती। हमें 12 बजे तक न तो हमे नाश्ता मिलो हे ओर न ही हमाये चादर बदले हें। जभे कि कि बच्चा होय के बाद नाश्ता ओर खाना दओ जात हे। एते कोनऊ देखन तक नई आओ हे। प्रेम की बुआ सास मन्नी बताउत हे कि कर्मचारी अस्पताल में सफाई ओर डिलेवरी के खान पान को कोनऊ ध्यान नई देत हे। जनता खा हर चीज को लालच देके आपन नाम कमात हे। बारह बज गओ हे, हमाई बहू भूखी परी हे। हमने बाहर से चाय ओर बिस्कुट मंगा के खबाई हे। अभे तक खाना नई आओ हे।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर दयाशंकर ने बताओ कि खाना दो दइयां दओ जात हे। बुधवार ओर शनिवार खा चादर धुला खे बदले जात हे। जभे पन्नी गंदी हो जात हे तो धुबा दई जात हे। खाना देर से मिले की जानकारी खाना बनाये वाले दे सकत हे। कैंटीन इंचार्ज जितेन्द्र भदौरिया ने बताओ कि मरीज ओर डिलेवरी पचास हते। खाना बनाये में देर हो गई हती। डिलेवरी या मरीज खा दो सौ ग्राम दूध सौ ग्राम सब्जी या दाल ओर 250 ग्राम आटा दओ जात हे। अब नाश्ता देंय को नियम खतम हो गओ हे।
सेहतमंद मां और बच्चा अस्पताल में सबेरे को नाश्ता बन्द
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