21 जून को एक सौ बानवे देशों में योग दिवस मनाया गया। भारत में सभी मंत्रियों ने भाग लिया। लेकिन ऐसा लगता है कि योग करते हुए कुछ लोगों का मन इतना शांत हो गया कि उनकी आंख लग गई। ना जाने क्या सपना देख रहे थे?
नई दिल्ली। क्या भारतीय रेलवे की जि़्म्मेदारी ने देश के रेल मंत्री की रातों की नींद अभी से ही उड़ा दी है? या शायद अब उन्हें तब ही नींद आएगी जब वे योग करेंगे?
योग में एक आसन है जिसे कहते हैं ‘शव आसन’। इस आसन में व्यक्ति को अपने शरीर को ढीला छोड़कर ऐसे लेटना होता है, मानो वह एक शव या लाश हो। 21 जून को योग दिवस पर देश के रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शव आसन धारण तो किया लेकिन फिर शायद उनका मन ज़्यादा ही शान्त हो गया और कुछ ही मिनटों में उनकी आंख लग गई।
और तो और एक व्यक्ति को आकर उनके तल्वे को गुदगुदाना पड़ा था जिससे कि वे उठ जाएं नहीं तो ना जाने कितने घंटे दुनिया से बेखबर सुरेश प्रभु वहीं आसन जमाए रहते।