हाईकोर्ट ने एक वकील द्वारा किये गये आवेदन के निर्णय में रेलवे ने ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग का दर्जा दे दिया है। आरक्षण केंद्र से टिकट रिजर्व कराने वाले फार्म पर इस संबंध में जल्द ही एक नया कॉलम लाने की बात हुई है। इसी प्रकार इंटरनेट पर टिकटिंग प्रणाली मे भी इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए अलग चिन्ह दर्ज होगा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक वकील के माध्यम से आई इस जनहित याचिका पर कार्रवाई के लिए रेल मंत्रालय से कहा था। न्यायालय के अप्रैल 2014 के निर्देशों को मानते हुए रेल मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर अधिकारों की रक्षा के लिए अब उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दे दी है। जनहित याचिका में ट्रांसजेंडर लिंग से पहचान रखने वालों को सामाजिक और आर्थिक तौर पर रियायत देने की मांग की गई थी।
इसके अलावा उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय की देखभाल एवं अधिकारों की रक्षा के लिए सभी ट्रेनों में स्पेशल कोटा देने की मांग भी की गई थी लेकिन रेलवे ने अभी ट्रांसजेंडर को किसी भी प्रकार की सुविधा देने से इंकार किया है, जैसे इन्हें टिकट रिजर्व कराते समय सामान्य यात्रियों की तरह ही सीट मिलेगी किराए में भी किसी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी यानी जो किराया टिकट बुकिंग के समय लिया जाता है, वे पूरा किराया भी ट्रांसजेंडरसे लिया जाएगा।