जिला चित्रकूट, ब्लाक पहाड़ी, गांव रमपुरिया। हिंया के पार्वती के पेट मा बिटिया रहै। वा जून के महीना मा पहाड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आई रहै। वहिके बिटिया भे रहै। जबै से वहिका अबै तक चैदह सौ रूपिया का चेक नहीं मिला आय। या कारन केन्द्र अउर आशा बहू श्यामा के चक्कर लगावत हवै, पै वहिका चेक नहीं मिल पावत आय।
पार्वती बताइस कि मोरे बिटिया पैदा भे डेढ़ महीना होइगे। अबै तक चेक नहीं मिला आय। या कारन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से कइयौ दरकी लउटैं का परा हवै। आशा बहू श्यामा से कहत हौं कि चल तौ वा भी नहीं सुनत आय न केन्द्र आवत आय। आपन दवाई करावैं इलाहाबाद चली गई रहौं। मैं गरीब मेहरिया एक दरकी मा तीस रूपिया लगा के केन्द्र आवत हौं। आवैं जाये का साठ रूपिया किराया होत हवै। येत्ता रूपिया होत तौ काहे परेशान रहतेंव। आशा बहू श्यामा का कहब हवै कि मोर तबियत खराब रहत हवै। या कारन मैं कत्तौ नहीं जात हौं। इलाहाबाद मा मोर इलाज चलत हवै।
पहाड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टर शिवकान्त शुक्ला का कहब हवै कि छुट्टी का फार्म पार्वती के लगे नहीं आय। वा कागज लइके आवै तौ वहिका दीन जई। अबै तक बजट नहीं रहै, पै अब बजट आ गा हवै तौ पिछले मेहरियन के चेक दीन जात हवै। बजट के कारन चैदह सौ रूपिया का चेक रूक जात हवै नहीं तौ बराबर केन्द्र मा बच्चा होय वाली मेहरियन का चेक मिलत हवै।