अफगानिस्तान में 10 अगस्त को महिला सांसद फरीबा अहमदी काकेर का अपहरण हो गया। अपहरण वहां के कट्टरवादी संगठन तालिबान ने किया है। फरीबा अब भी तालिबान के कब्जे़ में हैं। आतंकवादी संगठन ने सांसद के बदले अफगानिस्तान की सरकार से जेल में बंद अपने चार साथियों को छोड़ने की मांग की है।
अफगानिस्तान में यह पहला मामला नहीं है जिसमें किसी बड़े पद पर काम कर रही महिला का अपहरण किया गया है। पिछले महीने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस्लाम बीवी को जान से मार दिया गया था। हाल ही में यहां की एक महिला नेता रूह गुल पर भी हमला हुआ था। हालांकि वो बच गईं।
अफगानिस्तान में औरतों पर कई तरह की रोक हैं। 1996 में कट्टरवादी संगठन तालिबान ने औरतों की आज़ादी पर खुलेआम रोक लगानी शुरू की। सिर से पैर तक बुर्का पहनने और राजनीति से दूर रहने का दबाव महिलाओं पर बना रहा। 2012 के चुनावों के दौरान महिला अधिकारों पर काम कर रहे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कोशिशों से यहां की संसद में औरतों के लिए सत्ताइस प्रतिशत सीटें आरक्षित की गईं। इस समय देश की सरकार में उन्हत्तर महिला सांसद हैं।