मुरैना ज़िले के सुमावली थाना क्षेत्र में 35 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता की 25 सितम्बर की रात अज्ञात लोगों ने अपहरण करने के बाद पीट–पीट कर हत्या कर दी।
पुलिस ने 26 सितम्बर की सुबह आरटीआई कार्यकर्ता मुकेश दुबे की लाश मटकोरा जंगल से बरामद की।
मृतक कार्यकर्ता के परिजन ने आरोप लगाया है कि मुकेश को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं और इस बारे में पुलिस को सूचित किया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आरटीआई कार्यकर्ता के बड़े भाई राजीव दुबे ने कहा, ‘उनके भाई द्वारा जान के ख़तरे की शिकायत प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से की गई थी। इसके साथ ही कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए सुमावली पुलिस थाना प्रभारी द्वारा उन्हें पिछले साल फोन पर धमकी दी गई थी। इसकी रिकार्डिग भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराई गयी थी लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।’
वहीँ, मुरैना एसपी एपी सिंह ने एक अंग्रेजी अख़बार से बातचीत में कहा, मृतक मुकेश दुबे पर धोखाधड़ी, हमला करने और आर्म्स एक्ट से जुड़े हुए नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उन्होंने बताया कि सुमावली थाने के गुंडा लिस्ट में उनका नाम था। वह मैनपुरी के मूल निवासी थे और एक दशक से ज़्यादा समय से मुरैना में रह रहे थे। उनके आरटीआई एप्लीकेशन मुख्यत: ज़िला पंचायत और सरपंचों की कार्यप्रणाली से जुड़े हुई होते थे।
अपहरण के बाद आरटीआई कार्यकर्ता की पीट-पीट कर हत्या
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