श्रीलंका। दशहरे में हर साल जलाया जाने वाला रावण भारत के पास श्रीलंका देश का राजा था। यहां पर रहने वाले लोग रावण को खलनायक की जगह राम को खलनायक मानते हैं। उनके मुताबिक राम श्रीलंका पर कब्जा़ करना चाहते थे। अपने देश की रक्षा करते हुए रावण और उसके परिवार वालों ने जान दे दी। इतना ही नहीं, यहां पर रावण की नकारात्मक छवि के खिलाफ एक आंदोलन भी चलाया जा रहा है। इस आंदोलन की अगुआई अहुबुधा नाम के लेखक कर रहे हैं। 1988 में प्रकाशित इनकी किताब ‘सकविथि’ में बताया गया है कि रावण देशभक्त था। राम की नज़र हमारे देश पर थी।
भारत में भी हैं रावण के भक्त
मध्य प्रदेश – विदिशा जिले में एक गांव रावणग्राम है। यहां लोग रावण की पूजा करते हैं। उनका मानना है कि रावण बुद्धिमान और मज़बूत राजा था।
उत्तर प्रदेश – कानपुर में एक जगह है शिवालय। यहां दशानन नाम से रावण का एक बेहद प्रचलित मंदिर है। केवल दशहरे के दिन मंदिर के दरवाजे़ खुलते हैं।
आंध्र प्रदेश – के किनादा शहर में शिव का बेहद प्रसिद्ध मंदिर है जिसमें रावण की बहुत बड़ी मूर्ति बनी है।
उत्तर प्रदेश – गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा के गांव बिसरख में न तो रामलीला होती है और न ही रावण जलता है। गांववासियों का मानना है कि इस गांव को रावण के पिता ने बसाया था। रावण का बचपन यहीं बीता था।