इंदिरा आवास योजना जे बी.पी.एल. परिवार के लेल हई। ई परिवार गरीबी रेखा से निचे रहे वला छथिन। लेकिन जब उनका बाढ़ राहत मिललई त कि एई के बदले इंदिरा आवास योजना के लाभ से वंचित कर देल जतई?
लगभग बीस साल पहिले आयल बाढ़ अउर लखनदेई नदी पर बनल बांध के समय सौकड़ो लोग बेघर हो गेलथिन। ओई समय उनका सब के पुनर्वास के लेल बीस हजार रूपईया मिललई। एक त टूटल घर दोसर पेट के जुगार में भी लोग घर पुरा न बना सकलथिन लेकिन अब उनका सबके इंदिरा आवास योजना के लाभ न मिल रहल हई।
इ बात में कोई दुमत न हई कि लोग ओई बीस हजार के पुरा उपयोग घर बनावे में न कलथिन। लेकिन सोचे वाला बात ई भी हई कि अगर घर के शुरूआत नया शिरा से कयल जाय त हर कुछ देखे के परई छई। अब ओई से उनकर घर न बन पलई। मेहनत मजदूरी कर के लोग के पेट पालना मुश्किल हो जाई छई। तब एई महंगाई के जमाना में गरीब घर केना बनतई? बाढ़ राहत के बदले उनका घर से वंचित करनाई इ कहां के न्याय हई। उनका इंदिरा आवास के सुविधा जरूर मिले के चाही। कयला कि इ उनकर अधिकार हई अउर केकरो अपन अधिकार से वंचित न कयल जा सकई छई।
अधिकार मिलना जरूरी हई
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