उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि अक्तूबर 2018 तक सारे गांव शौच मुक्त हो जायेगें। लेकिन जिला वाराणसी के गांव डुबकिया के दलित बस्ती की हालत देखकर तो कुछ और ही लगता है। यहां की महिलाएं अभी तक खुले में शौच करने जाती हैं।
रेशमा का कहना है कि हम यहां दस साल से रह रहें हैं तब से शौचालय नहीं है। खेत में सुबह चार बजे जाना पड़ता है।राधा ने बताया कि शौचालय के लिए प्रधान से कहते है लेकिन वह नहीं सुनता है। नन्दू का कहना है कि प्रधान कहता है कि तुम्हें शौचालय नहीं मिलेगा। यहां बीस-बाइस घर हैं, किसी के पास शौचालय नहीं है।
प्रधान चन्द्रभान सिंह यादव का कहना है कि सर्वे नहीं हुआ था इस कारण दलित बस्ती में एक साल से शौचालय का काम नहीं हुआ है।
अपर अधिकारी रविन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि बेस लाइन शून्य है इसके लिए पत्राचार किया गया है।
रिपोर्टर- अनामिका
Published on Apr 2, 2018