मुंबई। महाराष्ट्र में अंधविश्वास और रूढ़ीवादी परंपराओं के खिलाफ कानून लाने की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दाभेलकर की हत्या उस वक्त हुई जबकि महाराष्ट्र सरकार अंधविश्वास के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधेयक लाने को तैयार हो गई थी। इसके विरोध में कई राजनीतिक और धार्मिक संगठन थे। हत्या करने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी देने वाले को दस लाख इनाम देने की घोषणा भी की गई है। भारत के वैज्ञानिक और सुपर कंप्युटर के जनक विजय भटकर ने नरेंद्र दाभोलकर को एक वैज्ञानिक सोच वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि वो समाज में फैले अंधविश्वास के खिलाफ लड़ रहे थे। सरकार को जल्द से जल्द कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा परंपराओं का नाम लेकर लोगों को ठगा जा रहा है। इन प्रथाओं के कारण लोगों की जान तक चली जाती हैं।
डाक्टर नरेंद्र दाभोलकर ने करीब बीस साल पहले अंधविश्वास, चमत्कार, कर्मकांड के खिलाफ नासिक जिले से जागरूकता अभियान शुरू किया था। 1989 में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का गठन किया जो वैज्ञानिक तरीके से जादू-टोना और
अंधविश्वासों को गलत साबित करता है। संगठन के कार्यकर्ता गांव-गांव में जागरुकता अभियान चलाते हैं। साल 2010 में इन्होंने जादू टोने के खिलाफ कानून बनाने के लिए विधेयक महाराष्ट्र विधानसभा में कई बार पेश किया। लेकिन अब तक उसे नहीं बनाया जा सका।