लाॅस ऐन्जेलेस, अमेरिका। 22 फरवरी 2015 को लाॅस ऐन्जेलेस शहर में अमेरिका की फिल्मी दुनिया – हाॅलीवुड के सितारे ज़मीन पर इकट्ठा हुए। मौका था हाॅलीवुड की सबसे महत्वपूर्ण शाम का – वो शाम जब वहां की फिल्मी दुनिया के सबसे अहम और बड़े पुरस्कार पेश किए जाते हैं – आॅस्कर अवार्ड।
इन पुरस्कारों का एक लम्बा इतिहास है और जिस किसी को ये मिले, वे खुद को भाग्यशाली समझते हैं। आॅस्कर अवार्ड हर साल एक बाहरी फिल्म को भी दिया जाता है। भारत से सिर्फ आमिर खान की ‘लगान’ फिल्म इस पुरस्कार के फाइनल राउंड में 2001 में पहुंची थी पर जीती नहीं।
बर्डमैन – सबसे ज़्यादा पुरस्कार जीतने वाली फिल्म ‘बर्डमैन’ रही। ये फिल्म बुड्ढे होते हुए एक हीरो की कहानी है जिसे अब फिल्मों में कोई काम नहीं मिलता है। फिल्म इस हीरो की अपनी सफलता और पहचान को वापस पाने की कहानी है। अपने पैरों पर खड़ा होकर, एक बड़ा दांव खेलना – फिल्म में दिखाया गया है। बेहतरीन फिल्म, बेहतरीन हीरो, बेहतरीन निर्देशण के पुरस्कार इस फिल्म को मिले।
द ग्रैंड बुडापेस्ट होटल – इस फिल्म को भी कई पुरस्कार मिले। फिल्म साल 1932 में एक होटल की मज़ेदार और दिल को छू लेने वाली कहानी है। एक युवक जिसकी दोस्ती और वफादारी होटल के मैनेजर को जेल से रिहा करवाती है और होटल का मालिक बना देती है – फिल्म इन दोनों की खास दोस्ती और उनकी जि़न्दगी में युद्ध और साजि़श से मची उथल पुथल की कहानी है।
आॅस्कर पुरस्कार की शुरुआत 1929 में हुई थी जब पहली बार एक होटल में तीन सौ लोगों के सामने फिल्मों को पुरस्कार दिए गए थे। आज ये समारोह करोड़ों रुपए खर्च करके हज़ारों फिल्मी सितारों की हाजि़री में आयोजित किया जाता है।
इस समारोह में कौन से हीरो और हिरोइन ने क्या पहना, उनके कपड़े किसने बनाए थे – इस पर भी लोग खूब चर्चा करते हैं। 2014 की फिल्मों को सम्मानित करने के लिए ये सत्तासीवां आॅस्कर पुरस्कार समारोह में अंग्रेज़ी फिल्मों के कई सितारे पहुंचे। इस साल भारत ने ‘लायर्स डाइस’ नाम की फिल्म आॅस्कर के लिए भेजी थी पर इस फिल्म को चुना नहीं गया।