खबर लहरिया राजनीति नहीं रहे नेल्सन

नहीं रहे नेल्सन

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रंग, जाति या धर्म के कारण दूसरे व्यक्ति से नफरत करना जन्मजात गुण नहीं है। बल्कि वह इसे आसपास के वातावरण से सीखता है। और जब नफरत करना एक सीखा हुआ गुण है, तो फिर इसकी जगह प्यार करना सीखना चाहिए।

जोहन्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत (जिनका रंग काला होता है) दुनियाभर में रंगभेद विरोधी आंदोलन की शुरुआत करने वाले नेल्सन मंडेला का 5 दिसंबर को निधन हो गया। वो लंबे समय से फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे। उनकी उम्र 95 साल थी।
नेल्सन मंडेला 1994 में दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। मंडेला शुरू से ही रंगेभेद के खिलाफ थे। लेकिन 1960 में दक्षिण अफ्रीका के शारपेविले में पुलिस द्वारा 60 अश्वेत लोगों को मारे जाने की घटना ने उनके आंदोलन को तेजी दे दी। रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए पहली बार 1964 में गिरफ्तार हुए। लगातार 27 सालों तक जेल में रहे। 1993 में शांति का नोबेल पुरस्कार इन्हें मिला। दक्षिण अफ्रीका में 1948 से लेकर 1994 तक नेशनल पार्टी का शासन था, इस पार्टी के संविधान में ही रंग भेद के कानून को मान्यता मिली थी।