खबर लहरिया Blog  खाने का कोई धर्म नहीं होता | Zomato

 खाने का कोई धर्म नहीं होता | Zomato

 

30 जुलाई को मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अमित शुक्ल ने  ऑनलाइन खाना उपलब्ध कराने वाले जोमैटो से इस लिए अपना ऑडर कैंसिल किया क्योकि डिलीवरी देने वाला व्यक्ति मुस्लिम था और इसका कारण उसने श्रावण माह का होना बताया. अमित ने इस बात की जानकारी ट्वीट कर कहा कि मेरा खाना गैर हिन्दू लेकर आया था इस लिए मैंने अपना ऑडर निरस्त कर दिया जाब मेरी बात कस्टमर केयर से हुई मैंने उनसे कहा की डिलीवरी करने वाले व्यक्ति बदल दीजिये तो उनकी तरफ से रिप्लाई आया की न तो वो व्यक्ति बदल सकते है न ऑडर निरस्त कर करने पर पैसे वापस किये जायेंगे मैंने कहा आप मुझे खाना लेने पर मजबूर नहीं कर सकते 

 

इसके जवाब में जोमैटो ने लिखा खाने का कोई धर्म नहीं होता है. खाना खुद ही एक धर्म है. जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने भी अपनी कंपनी के रुख का साथ देते हुए ट्वीट किया था, “हम भारत पर गर्व करते हैं और हमारे सम्मानित ग्राहकों और भागीदारों की विविधता पर भी. हमें अपने मूल्यों के रास्ते में आने वाले किसी भी ग्राहक को खोने का खेद नहीं है.” 

https://twitter.com/ZomatoIN/status/1156429449258250240

 

अगर पुलिस की माने तो अमित मांसाहारी है और उसने पहले भी खाना मंगाया था जिसे डिलीवर करने वाला गैर हिन्दू था. इस मामला ने इतना तूल पकड़ा की अब जोमैटो के पक्ष में फ़िल्मी सितारे भी उतर गएँ है.  अभिनेत्री स्वरभास्कर ने ट्वीट कर कहा की अभी भी ऐसे लोग है जिसमे हिम्मत बाकी है 

 

वहीँ अभिनेता राहुल देव ने लिखा हमें आप पर गर्व है तो अभिनेत्री ऋचा चड्डा ने कहा की ज्यादा नफरत नहीं करते एसिडिटी हो जाती है खाना खाओ और ठण्ड रखो