थान्ग्जम ताबबी देवी, ओलंपिक्स के दौरान जुडो में भारत की पहली पदक विजयता बनी हैं। वेंज़ुएला की मारिया गिमिनेज़ से फाइनल में हारकर, बूएनोस एरेस में चल रही ‘युवा गेम्स’ (अन्तराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतयोगिता) के दौरान रजत पद की हिस्सेदार बनी।
मणिपुर की ताबबी देवी, एशियाई सैनिक छात्र-दल की चैंपियन, पेनल्टी के साथ 0-11 से हारकर, महिलाओं की 44kg के वर्ग में, भारत के लिए जुडो में पहला पदक जीत के लाई हैं।
सेमिफिनल में, 16 वर्षीय तबई देवी ने क्रोएशिया की एना विक्टोरिज़ा पुलजिज़ को 10-0 से हराया था। उससे पहले राउंड 16 में भूटान की यन्गचें वांगमो को 10-0 से और कोसोवो की एर्ज़ा मुमिनोविक को क्वार्टर-फाइनल में हराया।
निशानेबाज़ तुषार मने के पुरुषों की 10m एयर राइफल प्रतयोगिता में रजत पदक जीतने के बाद, भारत का यह चल रही युवा गेम्स में दूसरा रजत पदक है।
वहीँ, तैराकी में, राष्ट्रीय स्तर के चैंपियन श्रीहरी नटराज, नौवां पद पाकर, पुरुषों के 100m बैकस्ट्रोक फाइनल्स में योग्यता प्राप्त नहीं कर पाए।
2014 में, नानजिंग चाइना में हुई युवा ओलंपिक्स प्रतियोगिता में भारत को केवल दो ही पदक मिले, रजत और कांस्य।
भारत का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन, 2010 में हुई युवा प्रतियोगिता के दौरान देखा गया। जहाँ भारत को 6 रजत और 2 कांस्य पदक प्राप्त हुए।
चल रही युवा प्रतयोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व 47 अथ्लेतेस द्वारा किया जा रहा है, जिसे आज तक की सबसे बड़ी टुकड़ी माना जाता है।