मटौध थाना क्षेत्र के मोहनपुरवा गांव में बीमार मां के निधन के ढाई महीने बाद उसके दत्तक पुत्र प्रशांत की भी 17 अगस्त को संदिग्ध परिस्थितियों में घर के अंदर शव फांसी पर लटका मिला,जिसकी सुचना उसके मौसेरे भाई विकास ने पुलिस को दी,लेकिन ग्रामीणों ने इस घटना पर हत्या का आरोप लगया और पुलिस से जांच की मांग की ग्रामीणों ने बतया की प्रशांत की मां पूर्व आंगनबाडी विपनेश शादी के लगभग तीन साल बाद पति के अत्याचार और मारपीट के कारण उससे अलग हो कर अपने मां बाप के साथ मामके में रहने लगी थी,लेकिन लगभग 27 साल पहले पिता जयनारायण की भी गोली मार कर जमीनी विवाद के चलते हत्या कर दी गई थी| विपनेश के कोई संतान ना होने के कारण 17 साल पहले विपनेश की मां ने प्रशांत निगम को अस्पताल से गोद लिया था| लेकिन ये बात उसकी बहनो को अच्छी नहीं लगी थी और तब से इसी पुत्र के सहारे विपनेश अपना गुजर-बसर कर रही थी, लेकिन अब उसकी भी मौत हो गई |
कैसे हुई थी मां विपनेश की मौत
विपनेश एक बहुत ही हिम्मती महिला थी प्रशांत को गोद लेने के बाद उसकी मां खत्म हो गई थी,लेकिन विपनेश ने प्रशांत निगम का मां भनकर बहुत अच्छे से पालन पोषण किया और जब प्रशांत बड़ा हुआ तो विपनेश बीमार रहने लगी और ढाई महीने पहले उसकी टीबी की बीमारी से मौत हो गई,इसके बाद उसके दत्तक पुत्र प्रशांत का भी शव सोमवार 17 अगस्त को जब फांसी पर लटका मिला,इसकी जानकारी जब लोगों को हुई तो भारी संख्या में लोग इक्कठा हो गये और सब के मुंह से यही बात सुनाई दे रही थी की प्रशांत ने खुद से फांसी नहीं लगाई उसे मारा गया है,जबकि जिस रात प्रशांत को फांसी लगी है उस रात उसके घर में प्रशांत का मौसेरा भाई विकास और उसका मौसा वहीं उसके साथ रुके थे|
न्याय के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
ग्रामीणों ने बताया की प्रशांत निगम को पूरा गांव बहुत चाहता था और वह खुद भी बहुत मिलनसार था,लेकिन जब अचनक उन्होने सोमवार को सुबह उसके मौत की जानकारी सुनी तो दंग रहे गये| उनका कहना है की प्रशांत की फांसी से मौत नहीं हुई है ये हत्या है, उसे न्याय मिलना चाहिए और इस बात को लेकर ग्रामीणों ने जमकर करीब दो घंटे नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया|कहा की प्रशांत के हत्यारों को कडी से कडी सजा मिलनी चाहिए, बिना एसपी के शव नहीं उठेगा| इसके बाद सदर सीओ अलोक मिश्रा ने मौके में जा कर ग्रामीणों को समझा बुझा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा |
पैसे और जमीन के लालच में घटी ये घटना
कुछ ग्रामीणों ने ये भी बतया की प्रशांत के मामा की भी लगभग 20 साल पहले हत्या हुई थी और बांदा के लोहिया पुल में फेंका गया था| इनका ये जमीनी विवाद बहुत पुराना है,लेकिन जब से प्रशांत की नानी खत्म हुई चारो बहने बराबर की हकदार थी और अपने अपने हिस्से की जमीन लिए थी| 2018 में प्रशांत की मां को नहर में जमीन जाने से करीब 1लाख 89 हजार रुपये मुआवजा मिला था,जिसमें उसने पक्का घर बनवाया था| इसके अलवा और भी काफी जमीन उसके नाना जयनारायण के नाम है जो त्रिवेणी बाईपास में है और वही कीमती जमीन प्रशांत की हत्या का भीकारण हो सकती है,क्योंकि जिस तरह से फांसी लगी है उसे देखकर बिल्कुल नहीं लगता की उसकी फांसी से मौत हुई है| अगर पुलिस ठीक से जांच पड़ताल करेगी तो सच्चाई क्या है वह भी सामने आ सकती है पर पैरवी करने वाला कोई नहीं है |
इस मामले में क्य पुलिस दिला पायेगी न्याय
मटौध थाना ऐसो रामेन्द्र तिवारी का कहना है की मामला खुदखुशी का लग रहा है,लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्टर आने के बाद पुरी तरह स्पष्ट हो जायेगा फिलहाल अभी कुछ नहीं कहा जा सकता