गोरखपुर: विधानसभा गोरखपुर ग्रामीण 323 का गांव सोनवे। इस चुनावी त्यौहार में यहां के युवा की मुख्य मांग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की है। वह खुले रूप में कह रहे हैं कि जो उनके लिए इन मुख्य मुद्दों पर काम करेगा और खरा उतरेगा उसी की सरकार लाएंगे। जो सरकार समता, स्वतंत्रता और बंधुता को लाएगी उसी की सरकार लाएंगे।
आकाश व पासवान नाम के दो युवा हैं। दोनों कहते हैं कि 2007 से 2012 तक बहुजन समाज पार्टी, 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी और 2017 से 2022 तक भाजपा की सरकार रही और तीनों पार्टियों का विश्लेषण करें तो सबसे ज़्यादा काम बहुजन समाज पार्टी ने किया। एक कक्षा में 25 बच्चे पढ़ेंगे तो कोरोना है लेकिन एक रैली में हज़ारों लोग रहेंगे तो कोरोना नहीं है। यह जानते हैं कि अगर दलित पढ़ लेगा तो वह सवाल करेगा। शिक्षा सवालों को पैदा करती है इसलिए ये सवालों से डरते हैं । इनको सवालों का जवाब देना आता नहीं इसलिए भागते हैं।
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अमर निषाद कहते हैं कि वह असुर नाम के संगठन में काम करते हैं। वह कहते हैं कि वह अपने संगठन के ज़रिये न्याय दिलाने का काम करते हैं। गन्दी राजनीति के चलते सामाजिक कार्यकर्ता होने के कारण उनको जेल भेज दिया जाता है। अभी भी इसके शिकार हैं। जेल भेजा गया है।
पंकज पासवान, बीए फाइनल की पढ़ाई कर रहे हैं। नीलेश पासवान कहते हैं कि पढ़ाई तो इसीलिए की जाती है कि बच्चे अपना कैरियर बना पाएं। सरकारें आती जाती हैं लेकिन काम क्यों नहीं करतीं। चुनावी सीज़न में वह पार्टियों से उम्मीद करते हैं कि चाहें जिसकी सरकार आए, वह शिक्षा व रोज़गार के लिए काम करे।
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