मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मियों के लिए बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है, हर महीने की पांच तारीख को मिलेगा संविदा कर्मचारियों को वेतन, सेवा निगम बनने से खत्म होगी मनमानी।
दरअसल कल यानी 3 जुलाई 2025 को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संविदा कर्मचारियों (आउटसोर्स कर्मी) के लिए बड़ा फैसला किया गया है। योगी सरकार ने संविदा कर्मचारियों के वेतन भुगतान, ईपीएफ और ईएसआई को लेकर कुछ दिशानिर्देश भी जारी किया है। इसके साथ ही उनके श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए भी उत्तर प्रदेश संविदा सेवा निगम के गठन की सरकार ने मंज़ूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संविदा सेवा निगम बनने से पूरे प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को हर माह की पांच तारीख को वेतन का भुगतान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी द्वारा क्या कहा गया
गुरुवार 3 जुलाई 2025 मुख्यमंत्री की एक बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने नया निगम बनाने की प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों को जरुरी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि फिलहाल आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन अलग-अलग जगहों पर अलग तरीके से होता है इससे कई समस्याएं सामने आती है जैसे समय पर वेतन ना मिलना, वेतन में कटौती, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सुविधाओं से कर्मचारियों का वंचित रह जाना, स्पष्टता की कमी और कर्मचारियों का शोषण।
इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिया गया है कि निगम कंपनी एक्ट के तहत बनाया जाए।
इस निगम का संचालन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स करेगा और एक महानिदेशक नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा मंडल और जिला स्तर पर भी समितियां बनाई जाएगी।
आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल (GeM Portal) के माध्यम से कम से कम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनीश्चित किया जाएगा कि वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी पर कोई असर न पड़े और जब नई भर्ती होगी तो उनके अनुभव को वेटेज दी जाएगी।
संविदा कर्मियों को हर महीने 05 तारीख को वेतन मिलेगा
मुख्यमंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी संविदा कर्मियों को हर महीने 5 तारीख तक उनका वेतन बैंक खाते में भेजा जाए। इसके साथ ही उनकी ईपीएफ (PF) और ईएसआई (ESI) की रकम भी समय पर जमा की जाए। कर्मचारियों को इन योजनाओं से मिलने वाले सभी लाभ भी पूरी तरह दिए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बनने वाला नया निगम एक नियामक संस्था (Regulatory Body) के रूप में काम करेगा। यह निगम आउटसोर्सिंग एजेंसियों के कामकाज की निगरानी करेगा। अगर कोई एजेंसी का उल्लंघन करती करती है तो उसके खिलाफ ब्लैकलिस्ट करना, कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना, जुर्माना लगाना और क़ानूनी कार्यवाही जैसे सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इसके अलावा प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में आरक्षण नियमों का पूरा पालन होगा। इसमें एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाएं, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों को तय आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि निराश्रित, तलाकशुदा और महिलाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी जाए।
नियमित पदों की जगह संविदा सेवा नहीं ली जाएगी
मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश किया है कि जहां नियमित पद मंजूर हैं वहां संविदा के जरिए किसी की भर्ती नहीं की जाएगी। यानी सरकारी विभागों में जो स्थायी पद हैं उन पर केवल नियमित भर्ती ही होगी संविदा से काम नहीं चलाया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी चयनित कर्मचारी को तब तक काम से नहीं हटाया जाएगा जब तक कि उस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी की लिखित मंजूरी ना हो।
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