नेपाल के मुख्य विपक्षी दल के शीर्ष नेता के आपत्ति जताने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम और सीता की परंपरागत शादी की सालगिरह के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में नेपाल में रामायण युग की राजधानी जनकपुर जाने का फैसला लिया है। जिसका आयोजन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा।
काठमांडू की भारतीय दूतावास के अनुसार, इस आयोजन में आदित्यनाथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे, जोकि इस कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद नहीं होंगे। नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष बिमलेंद्र निधि, मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता और नेपाल के पूर्व उप प्रधान मंत्री ने हाल ही में कहा था कि इस कार्यक्रम में आदित्यनाथ की मौजूदगी “दुर्भाग्यपूर्ण होगी, क्योंकि वह नेपाल के राजतंत्र के समर्थक नहीं हैं”।
माना जाता है कि बिमलेंद्र निधि द्वारा यूपी के सीएम आदित्यनाथ की यात्रा रद्द करने के लिए कई संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके चलते उन्होंने राम जानकी मंदिर के महासंघ पर भी उनकी यात्रा को रद्द करने के लिए काफी दबाव डाला है। जबकि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने आदित्यनाथ की यात्रा के खिलाफ बिमलेंद्र निधि के इस अभियान के प्रति चुपी जताई है और वहीँ पार्टी के प्रवक्ता बिश्वा प्रकाश ने कहा कि यह पार्टी द्वारा लिया गया एक सामूहिक फैसला है।