उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। 8 जून को लखनऊ के हजरतगंज से पत्रकार प्रशांत कनौजिया और नोएडा में एक निजी टीवी न्यूज चैनल के हेड और उसके संपादक को गिरफ्तार कर लिया गया था। आपको बता दें कि नोएडा के एक चैनल ने 6 जून को एक परिचर्चा की, जिसमें एक महिला द्वारा योगी के साथ प्रेम की बात कही। महिला ने योगी को विवाह का प्रस्ताव भी दिया, जिसका वीडियो पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने एक टिप्पणी के साथ अपने सोशल मीडिया में साझा की। इसके बाद उन्हें लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इस गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते हैं। नागरिकों के अधिकारों को बचाए रखना जरूरी है। आपत्तिजनक पोस्ट पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन इस पर गिरफ्तारी क्यों? इसके बाद 12 जून को लखनऊ के उच्च न्यायालय ने पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि उनकी रिहाई तीन शर्तों पर हुई है, इसमें कोर्ट के आदेश पर बुलाने पर हाजिर होने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और आगे से दोबारा ऐसा न करने की शर्तें हैं। उच्च न्यायालय प्रभारी संजय कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें और 20 हजार का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने पर प्रशांत को सशर्त रिहा करने का आदेश दिया। इसतरह प्रशांत को कल शाम पांच बजे रिहा कर दिया।