यमुना एक्सप्रैस-वे दुर्घटना : सही कारणों का पता लगाया जाना बाक़ी है परन्तु कथित तौर पर बस ड्राईवर को झपकी आ जाना दुर्घटना का कारण माना जा रहा है।
उत्तरप्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग की बस जो लखनऊ से चली थी, दिल्ली से 230 किलोमीटर पहले सोमवार सुबह तड़के यमुना एक्सप्रेस-वे पर नाले में गिरने से 29 यात्रियों की मृत्यु हो गई जबकि 23 घायल हैं।
दुर्घटना के सही कारणों का पता लगाया जा रहा है शुरूआती जांच में बस चलाते समय ड्राईवर को झपकी आने के कारण हादसे की आशंका जताई जा रही है।
अवध डिपो, उत्तरप्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस में ड्राईवर और कन्डेक्टर को मिला कर 54 यात्री सवार थे। हादसा सुबह लगभग चार बजे के आसपास घटित हुआ।
सरकारी सुत्रों के अनुसार बस में सवार अधिकतर यात्री लखनऊ, दिल्ली, गाजियाबाद, गौंडा आदि से थे।
दुर्घटना का शिकार लोगों के परिवार के लिए आगरा प्रशासन सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है। राज्य सरकार घायलों के इलाज़ और मृतकों को उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहा है। रवि कुमार, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट आगरा ने बताया कि शुरूआती जांच में ड्राईवर को झपकी आने से दुर्घटना की आशंका माना जा रहा है परन्तु सही कारणों का खुलासा पूरी जांच के बाद ही होगा।
पुलिस और चश्मदीदों के अनुसार हादसा प्रात: 4:15 से 4:30 के बीच हुआ। हादसे की आवाज़ सुन कर आसपास के ग्रामीण बचाव और राहत कार्य के लिए इकट्ठा हो गए। घटानस्थल से 100 नंबर पर पहला फोन 4:38 पर किया गया।
कहा जा रहा है कि तीव्र गति से दौड़ती वातानुकूलित बस बैरियर से टकराने के बाद हवा में उछल कर लगभग साठ फुट नीचे नाले में जा गिरी। आधी बस लगभग 15 फुट गहरे पानी में डूब गई।
प्रत्यक्ष दर्शक अजब सिंह ने बताया, ‘मैं हादसे से कुछ मीटर की दूरी पर अपनी झोंपड़ी में था। हादसे की आवाज़ इतनी भयंकर थी कि मुझे लगा शायद पुल ही टूट कर गिर गया है। मैं और मेरे साथ कुछ अन्य लोग भी बचाव के लिए दुर्घटना स्थल की ओर दौड़े। बस में जो यात्री पानी के ऊपर थे, हमने पहले उन्हें निकाला। मेरे सामने एक व्यक्ति था जिसके हाथ-पैर कटे हुए थे। वहां बच्चों के शरीर भी थे। वह बहुत भयानक दृश्य था।’
एत्मादपुर पुलिस के अनुसार दो क्रेन के साथ 70 लोगों की टीम बचाव और सहायता के लिए मौक़े पर पहुंची। बचाव दल में राष्ट्रीय आपदा राहत दल के 20 गोताखोर भी शामिल थे। बचाव का कार्य दो घंटे तक चला।
सुत्रों के अनुसार बस को कई जगहों से काट कर मृतकों और घायलों को निकाला गया। दुर्घटना के कारण बस का डीजल टैंक और इंजन के टुकड़े कुछ दूर तक उछल गए।
कन्डेक्टर अशनेश मिश्रा (24 वर्ष) के बाएं हाथ की हड्डी टूट गई है जबकि ड्राईवर कृपा शंकर चौधरी (35 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया।
अजब सिंह ने बताया, ‘कन्डेक्टर ख़ुद बस से बाहर आ गया था। हमें देख कर उसने गिड़गिड़ाते हुए उसे ना मारने की विनती की। उसे लगा था कि हम उसको इस हादसे का जिम्मेदार मानेंगे। हम उसके पास ना रूक कर बस की ओर दौड़े, वहां लोगों को बचाया जाना जरूरी था।’
मिश्रा ने बताया कि हादसे से 5 किलोमीटर पहले टोल पर बस रूकी थी। उसने आगे बताया कि ‘मैं ड्राईवर की पिछली सीट पर बैठा था। मुझे लगा कि बस नियंत्रण से बाहर हो रही है और ड्राईवर इसे नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहा है। बस के पानी में गिरने के बाद, मैं खिड़की का शीशा तोड़ कर खुद को घसीट कर बाहर लाया। मैं खुद को घसीटते हुए किसी तरह एक्सप्रैस वे पर सिक्योरिटी पोस्ट तक पहुंचा और उन्हें PCR को फोन करने को कहा। उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं। मैं बेहोश हो गया था।’ कन्डेक्टर को बाहर निकलता देख जो यात्री बस में पानी के ऊपर थे, उन्होंने भी अपने लिए रास्ता बनाने की कोशिश की।
उत्तरप्रदेश परिवहन निगम के अनुसार ‘ड्राईवर कृपा शंकर चौधरी उत्तरप्रदेश परिवहन निगम में वर्ष 2005 से है। उसके खिलाफ कभी कोई शिकायत नहीं आई। बस भी दो-तीन वर्ष पुरानी है यानी नई ही है। हम जांच कर रहे हैं कि ग़लती कहां हुई।’
सुत्रों के अनुसार बस आलमबाग डिपो, लखनऊ से रात 10:40 के करीब चली थी जिसे सुबह 7 बजे आनंद विहार, दिल्ली बस अड्डे पहुंचना था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीटर पर हादसे में घायलों और मृतकों के लिए दुःख व्यक्त किया है। सुत्रों ने बताया कि आई जी आगरा, संभागीय आयुक्त और परिवहन आयुक्त की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जो दुर्घटना के कारणों का पता लगाएगी।
Transalated from : https://indianexpress.com/article/india/yamuna-expressway-bus-accident-live-updates-agra-5820057/