बांदा की कई नदियां जो कभी पानी से लबालब रहती थी वो अब सूखा झेल रही हैं। लाखों रूपये खर्च करके सरकार ने जलसंरक्षण के लिए चकडैम भी बनवाएं हैं लेकिन इस भीषण गर्मी में सब सूखे पड़े हैं।
बुंदेलखंड केन नदी समेत यमुना, बेतवा, बागै, मंदाकिनी, चंद्रावल आदि नदियों से जाना जाता है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के बड़े हिस्से को इन नदियों के जरिए पानी मुहैया कराया जाता था, लेकिन अब वह भी मुश्किल हो गया है।
ये भी देखें –
बालू खनन से बागेन नदी और उसकी सहायक नदियों का अस्तित्व अब गायब होने की कगार पर
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’