याद है बचपन में मेले का नाम सुनते ही कैसे हमारे कदम अपने आप थिरकने लगते थे। वो झूले पर बैठने की ख़ुशी, वो कुश्ती देखना का मज़ा, नए-नए खिलौने खरीदने का उत्साह कैसे फूट रहा होता था हमारे मन में। बुंदेलखंड के अलग-अलग हिस्सों में आज भी अलग-अलग तरह के मेले लगते हैं जिनकी अलग-अलग खासियत होती है। इन मेलों की इसी खासियत से रूबरू कराने के लिए हम लेकर आये हैं हमारे ये ख़ास ‘मेला दिलों का सीरीज़।’ बात अगर महोबा के जैतपुर मेले की हो तो यहाँ आपको अखाड़े और दंगल देखने को मिल जाएगा लेकिन क्या आपको पता है कि जैतपुर मेले में हो रहे इन दंगलों में एक और ख़ास बात क्या है? यहाँ पुरुषों के साथ साथ महिलाएं भी कुश्ती के दांव-पेंच लगाती हैं और पुरुष पहलवानों को बराबर से टक्कर देती हैं। महोबा के जैतपुर कस्बे में लगे इस मेले में रोज़ाना महिलाओं और पुरुषों का अलग-अलग दंगल होता है। जैतपुर मेले के दंगल में शामिल होने देश के कोने-कोने से पहलवान आते हैं। मेले में इस अखाड़े और दंगल के आयोजन की पूरी ज़िम्मेदारी गांव के प्रधान की होती है। और जीतने वाले पहलवान को शानदार प्राइज भी मिलता है।
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