वाराणसी जिले के गाँव सराय मोहान गांव की महिलाएं नायलॉन के धागे से सब्जी,फलों के रखने और खेतों के घेराव के लिए जाले बनाने का काम करती हैं। गांव की तकरीबन बीस महिलाएं यह काम करती हैं। एक किलो जाल बेचने पर उन्हें 25 रुपये मिलते हैं। जिससे वह अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतों को पूरी करती हैं।
जिला वाराणसी ब्लाक चिरईगांव सराय मोहान की महिलाएं नायलॉन के धागे से जाल बनाने का काम करती हैं। गांव की अधिकतर महिलाएं यही काम करती हैं। महिलाओं का कहना है कि वह नायलॉन के धागे से जाले बनाने का काम लगभग पांच सालों से कर रही हैं। रोज़गार के नाम पर उनके पास सिर्फ यही काम है। जाल तैयार करने में एक से दो दिन लगते हैं।
वह कहती हैं कि एक किलो जाल को बेचने पर उन्हें 25 रुपए तक मिलते हैं। इन जालों का इस्तेमाल सब्ज़ियों और खेतों के घेराव के लिए किया जाता है ताकि अन्ना जानवरों से सब्ज़ियों और खेतों को बचाया जा सकें। लेकिन अब बहुत कम लोगों द्वारा जाल का इस्तेमाल किया जाता है। युवा तो रोज़गार की तलाश में शहर की ओर निकल जाते हैं। लेकिन उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह काम करना पड़ता है। बेशक़ इन्हें इस काम मे कम पैसे मिलते है लेकिन उनके पास रोज़गार का और कोई साधन नहीं है। जिसकी वजह से उन्हें मज़बूरन कम पैसों के लिए ही सही, पर यही काम करना पड़ता है।