जिला चित्रकूट ब्लाक रामनगर गांव भसौधा सावन लगते गांव गांव शहर शहरों में झूला डाल देते हैं लोग और झूलते हैं मगर यह जो इकट्ठा होकर महिलाएं झूलती है इसका तो अलग अंदाज है क्योंकि उसमें दो दो लोग गाते हैं और 2 लोग बैठ कर दो लोग मरते हैं और झूला झूलते हैं और उन लोगों महिलाओं का कहना है कि जो दुख सुख होता है |
एक दूसरे से बोल बता कर और मनोरंजन के रूप से हट जाता है यह सावन में जमुना अथवा सी होती है नाग पंचमी जो देवी जी की गुड़िया हो जाती हैं तो लोग भी झूमने लगते हैं और यह पहले तो लोग एक-एक महीना एक एक हफ्ता एक-एक हफ्ता महिलाएं झूलती थी मगर अब यह जमाना में लोग अपने काम में व्यस्त रहता और काम ज्यादातर है पहले काम इतना नहीं था लोग एक दूसरे के मिलजुलकर करते थे मगर अभी भी एकता से गांव में हैं कि अभी भी लोग झूला झूलते हैं और मनोरंजन करते हैं यह सावन के 1 साल में आते हैं और लोग इसको इंतजार करते हैं