भारत में चल रहा किसान आंदोलन अब देशव्यापी मुद्दे से बढ़कर विदेश तक पहुँच चुका है। हाल ही में, जानी मानी स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, पॉप स्टार रिहाना और मानवाधिकार मंच ने किसानों के आंदोनल का समर्थन करते हुए ट्वीट किया था। जिसके बाद भारत में कुछ लोगों का उन्हें समर्थन तो मिला है। लेकिन वहीं अभिनेताओं और भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा उनके इस कदम को गलत बताया गया। ट्वीट के बाद लगातार लोगों द्वारा उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है।
एक ट्वीट ने भारत में खलबली मचा कर रख दी है। ऐसे में सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय अभिनेताओं और विदेश मंत्रालय ने लोगों से साथ आने को कहते हुए कहा कि जो भी देश को तोड़ने की कोशिश कर रहा है, उसे मुहतोड़ जवाब दिया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट्स को कहा, गैर जिम्मेदाराना
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा बुधवार, 3 फरवरी को बिना किसी का नाम लिए एक बयान जारी किया गया । विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन प्रदर्शनों को लेकर कुछ ताकतें अपना एजेंडा चला रही हैं। इन मुद्दों पर कोई भी राय रखने से पहले बेहतर होगा कि वो पूरी जानकारी हासिल करें। मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर बिना जानकारी के टिप्पणी कसने को गैर जिम्मेदाराना करार दिया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि इन विरोधों को भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार और राजनीति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए और गतिरोध को हल करने के लिए सरकार और संबंधित किसान समूहों के प्रयासों को। ऐसे मामलों पर टिप्पणी करने से पहले, हम आग्रह करेंगे कि तथ्यों का पता लगाया जाए और मुद्दों की एक उचित समझ पैदा की जाए। सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और टिप्पणियों का प्रलोभन, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा करना न तो सटीक है और न ही जिम्मेदार है।”
मंत्रालय ने आगे कहा, ”भारत की संसद ने एक पूर्ण बहस और चर्चा के बाद, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानून पारित किया। इन सुधारों ने विस्तारित बाजार पहुंच दी और किसानों को अधिक लचीलापन प्रदान किया। उन्होंने आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ खेती का मार्ग दिखाया। भारत के कुछ हिस्सों में किसानों के एक बहुत छोटे वर्ग के पास इन सुधारों के बारे में कुछ समस्याएं हैं। प्रदर्शनकारियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, भारत सरकार ने उनके प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की एक श्रृंखला शुरू की है। केंद्रीय मंत्री बातचीत का हिस्सा रहे हैं और ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है।“
इन वैश्विक हस्तियों ने किया किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट
पॉप स्टार और गायिका रिहाना ने मंगलवार, 2 फरवरी की शाम को किसानों से जुड़ी खबर ट्विटर पर शेयर की थी। खबर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बैन को लेकर थी। वह ट्वीट करते हुए लिखती हैं, ” हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? ” ट्वीट में रिहाना द्वारा किसानों की सीएनएन की रिपोर्ट भी जोड़ी गयी थी।
why aren’t we talking about this?! #FarmersProtest https://t.co/obmIlXhK9S
— Rihanna (@rihanna) February 2, 2021
रिहाना के बाद स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने भी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया। बुधवार, 3 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग ट्वीट करते हुए लिखती हैं, “हम भारत मे चल रहे किसान आंदोलन में एकजुटता के साथ खड़े हैं।“
We stand in solidarity with the #FarmersProtest in India.
https://t.co/tqvR0oHgo0— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 2, 2021
मीना हैरिस का कहना है कि ” इसमें कोई संयोग नहीं कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर एक महीने पहले भी हमला किया गया था। सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश इस समय हमले के अधीन है। हम सभी को भारत मे इंटरनेट बैन और किसान प्रदर्शनकारियों पर अर्धसैनिक हिंसा को लेकर नाराज़गी जतानी चाहिए।“
https://twitter.com/meenaharris/status/1356747965713371138?s=20
भारतीय अभिनेताओं और नेताओं ने भी किया ट्वीट
वैश्विक हस्तियों के किसान समर्थन में ट्वीट करने के बाद देश मे ट्वीट्स की बाढ़ सी आ गयी है। जिसमें अभिनेता, मंत्री, विदेश मंत्रालय से लेकर गृह मंत्रालय ने वैश्विक हस्तियों द्वारा किए गए ट्वीट के जवाब में ट्वीट्स का अंबार लगा दिया है। सभी के द्वारा “इंडिया अगेंस्ट प्रोपोगेंडा” और “इंडिया टूगेदर” हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया गया है।
▪️भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता। बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं। भारतीय भारत को जानते हैं और भारत को ही फैसला करना चाहिए। आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें।”
India’s sovereignty cannot be compromised. External forces can be spectators but not participants.
Indians know India and should decide for India. Let's remain united as a nation.#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) February 3, 2021
▪️अभिनेता और प्रोड्यूसर अनुपम खेर ने लिखा, ” हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दखल देने वाले कुछ विदेशियों के लिए यह शेर अर्ज़ है….
रिंदे खराब हाल को ज़ाहिद ना छेड़ तू,
तुझको परायी क्या पड़ी अपनी नबेड तू… 🙂 “
हमारे देश के अंदरूनी मामलों में दख़ल देने वाले कुछ विदेशियों के लिए यह शेर अर्ज़ है…
रिंदे ख़राब हाल को ज़ाहिद ना छेड तू ,
तुझको परायी क्या पड़ी अपनी नबेड तू.. 🙂#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda— Anupam Kher (@AnupamPKher) February 3, 2021
▪️कांग्रेस पार्टी के नेता शशि थरूर ने लिखा , ” सरकार के अलोकतांत्रिक व्यवहार से भारत की वैश्विक छवि को जो नुकसान हुआ है। वह मशहूर हस्तियों के ट्वीट से नहीं हो सकता।“
For GoI to get Indian celebrities to react to Western ones is embarrassing. The damage done to India's global image by GoI's obduracy &undemocratic behaviour can't be remedied by a cricketer's tweets. Withdraw the farm laws &discuss solutions w/farmers &you'll get #IndiaTogether.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 3, 2021
▪️पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने लिखा, ” यह अच्छा है कि रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग का ट्वीट विदेश मंत्रालय को जगा सकता है।
आपको यह कब महसूस होगा कि जो लोग मानव अधिकारों और आजीविका के मुद्दों के बारे में सोचते हैं, वह सीमाओं को नहीं पहचानते? “
It is good that Rihanna and Greta Thunberg can wake up the MEA.
Come on MEA, when will you realize that people concerned with issues of human rights and livelihoods do not recognize national boundaries?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 3, 2021
ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी किया ट्वीट
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 3 फरवरी को ट्वीट करते हुए कहा, भारत की प्रधानमंत्री मोदी सरकार अपने हिन्दू राष्ट्रवादी एजेंडा की अध्यक्षता कर रही है और मुक्त भाषण अधिकारों का प्रतिगमन कर रही है।
The government of India’s Prime Minister Modi is presiding over a dangerous regression in free speech rights in pursuit of its Hindu nationalist agenda. https://t.co/Xevp0LgiKS #FarmersProtest pic.twitter.com/joQVCFqXGr
— Human Rights Watch (@hrw) February 2, 2021
वैश्विक हस्तियों द्वारा किए गए एक ट्वीट ने भारत के अभिनेता, नेताओं और सरकार को हिला कर रख दिया। जिसके बाद उनके खिलाफ ट्विटर पर ट्वीट्स की आंधी सी आ चुकी है। क्या देश की संप्रभुता इतनी कमज़ोर है कि वह एक ट्वीट से टूट जाएगी? आखिर एक ट्वीट से सरकार में इतनी हलचल क्यों मच गयी है? क्या किसी के समर्थन में ट्वीट करना गुनाह है? क्या लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार भी नहीं है? साथ ही, यह भी देखा गया कि जब से रिहाना द्वारा किसानों के समर्थन में ट्वीट किया गया। लोगों द्वारा इंटेरनेट पर उसके धर्म और काम को लेकर जानकारी के बारे ढूंढा जा रहा है। आखिर, किसी के धर्म का उसकी अभिव्यक्ति की आज़ादी से क्या संबंध है?