झांसी के कोतवाली पुलिस स्टेशन में रिसेप्शन डेस्क पर काम कर रही एक महिला कांस्टेबल की छवि उसके बगल में सो रही उसके शिशु बेटी के साथ होने के एक दिन बाद वायरल हो गई, यूपी के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह रविवार को उसे आगरा स्थानांतरित करने की पुष्टि करी, जहां उसके माता-पिता भी रहते हैं।
कॉन्स्टेबल अर्चना जयंत (30) को “उत्कृष्ट 21 वीं सदी की महिला” के रूप में संदर्भित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके अनुभव ने राज्य पुलिस को हर पुलिस ठाणे में एक शिशु-गृह रखने की संभावना को प्रेरित किया है।
‘जब मैंने छवि देखी और कहानी पढ़ी, तो मैंने इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) झांसी से बात करी, जिन्होंने 1,000 रुपये नकद में उस महिला कांस्टेबल को पुरस्कृत किए हैं। इस तथ्य के बावजूद कि उसके पास नवजात शिशु है, उसने बच्चे की दिख्भाल के लिए छुट्टी नहीं ली। उसने अपने काम को उसका पहले कर्त्तव्य समझा। जब मैंने उससे बात करी, तो उसकी एकमात्र समस्या थी कि उसके पास परिवार का समर्थन नहीं था’, ऐसा डीजीपी सिंह द्वारा इंडियन एक्सप्रेस को बताया गया है।
अर्चना को 2016 से झांसी में तैनात किया गया था। उनकी बड़ी बेटी कानपुर में उनके ससुराल वालों के साथ रहती है।
साथ ही में उनका ये भी कहना है कि ‘उसका परिवार आगरा में है और उसका ससुराल कानपुर में। उसका पति गुड़गांव में एक प्राइवेट कंपनी के लिए काम करता है। उन्हें कानपुर में पोस्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि हम अपने घर के जिले में कॉन्स्टेबल नहीं पोस्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह आगरा में तैनात की जा सकती हैं तो वह आभारी होंगी और मैंने तुरंत उनके स्थानांतरण के लिए आदेश दिया ताकि वह अपने परिवार का समर्थन प्राप्त कर सकें।‘
फोन पर बोलते हुए, अर्चना ने कहा, “मैं लंबे समय से अपने माता-पिता और पति से नहीं मिली हूं और अब में इस साल दिवाली उनके साथ मना पायुंगी। मैं अपनी बड़ी बेटी कनक को भी आगरा लेकर आयुंगी। हालाँकि मुझे झांसी में कुछ समस्यायों का सामना करना पड़ा लेकिन मुझे अपने सहयोगियों से बहुत अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ है।‘