देशभर में दीवाली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। खास तौर पर भगवान राम के जन्म स्थान अयोध्या में दिवाली की काफी धूमधाम देखने को मिलती है। पिछले कुछ सालों से दिवाली के दिन लाखों दीपक अयोध्या नगरी को रोशन करते हैं। इस दिवाली पर अयोध्या मे 12 लाख दिये जलाए जाएंगे। इनमें से 9 लाख दीये राम की पैड़ी पर, और 3 लाख दीये शहर के अलग-अलग जगहों पर जलाएं जायेंगे. पिछली साल की तरह इस साल भी एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा है पर सोचने वाली बात है कि एक तरफ अयोध्या में इतनी ज्यादा संख्या में दीय जलाकर अयोध्या को रौशन किया जा रहा वहीँ अयोध्या के कुम्हारों की दिवाली फीकी रह जाती है कैसे? आइये कुम्हारों से ही जानते है।
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अयोध्या जो देश में नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध है अयोध्या में दीपावली के दौरान दीपू सो होता है पूरे वर्ल्ड में फेमस है इस बार भी अयोध्या में पांचवा दीपोत्सव होगा। योध्या में रहने वाले कुम्हार जिनका रोजगार ही होता है दिए बनाना उनको इस दीवाली और दीपोत्सव से बहुत सारी उम्मीदें रहती है। सरकार से भी और लोगों से भी सरकार भी उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता। एक तरफ जहां सरकार कहती है हम अयोध्या कुम्हारों को रोजगार देंगे उनको भी काम देंगे पर पर ना तो उनको काम मिला कहीं रोजगार मिला आज हम आपको अयोध्या जिले के गांव के रहने वाले कुछ कुमार उसे मिलाते हैं और उनसे बात करते हैं आखिर क्या कारण है कि दीपोत्सव में क्यों नहीं जाते हैं उनके दिए।
पिपरी गांव के रहने वाले कुम्हारों ने बताया हमारे अयोध्या में दीपोत्सव होता है। बहुत खुशी होते हैं की हमारे दिए जाएंगे हमें कुछ रोजगार मिल जाएगा कुछ पैसे मिल जाएंगे क्योंकि साल भर का हमारा एक ही त्यौहार होता जिससे हम लोगों को थोड़े पैसे मिल जाते हैं लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी सरकार हम लोगों के साथ हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही। पिछले साल ऑर्डर दे दिए थे दिए बन गए थे दिए नहीं ले गए थे जिससे हम लोगों को काफी नुकसान करना पड़ा हमारी मेहनत भी खराब गई और इस बार भी उन्होंने दिए कि ऑर्डर ही नहीं दिए। लोगों के लिए कोई भी दीपोत्सव नहीं है ना ही कोई ठीक से दिवाली मना पाते हैं।
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