बुन्देलखण्ड में 20वीं बार अन्ना पशु गणना की बात 1 दिसम्बर 2018 से शुरू होना कर 28 फरवरी 2019 तक चलने का शासना आदेश तो आ गया पर जिलों में इस बात की कोई हलचल नहीं है, ना ही लोगों को पता है की इस गणना में क्या होगा ? यह गणना पहली बार टैबलेट कंम्प्यूटर के माध्यम से किया जायेगा और इस बार ये गणना अन्ना पशु विभाग करवाएगा, इसके पहले जो भी गणना हुए हैं वह राजस्व विभाग द्वारा ही किये गए हैं ।
यह गणना भारत सरकार द्वारा हर पांच साल के बाद कराई जाती है । पर आज तक इस गणना के ज़रिये भी अन्ना पशुओं की रोक थाम नहीं लग पाई है। अब यह पशु गणना पशुविभाग करेगा, जिसके लिए सरकार चित्रकूट मंडल में 208 टैबलेट सेट के जरिये पशु विभाग के 305 चिकित्सक और कर्मचारी पशुओं की गिनती करेगें । मंडल के 1409 ग्राम पंचायतों में यह काम होगा ।
सरकार का कहना है कि अन्ना केवल गाय-बैल नहीं इसके साथ भैंस-भैंसा ,सुवर, बकरी ,भेड़, सूकर भी शामिल हैं। अगर देखा जाए तो किसान कल भी परेशान था और आज भी परेशान है । अन्ना पशु का आज भी सड़क में झुण्ड का झुण्ड देखने को मिलता है।
कई घोड़ा ,खच्चर ,खरगोश ,मुर्गी और बतख भी इस गणना में शामिल है। इस मामले में अधिकारीयों का कहना है कि इस काम में हमारे लिए घर-घर जा कर गणना करना बहुत ही चुनौती पूर्ण हैं। सरकार ने दो लाख पशुओं की गणना ऑनलाइन की ,हम कैसे ये गणना तीन महीने में कर पायेगे? इस मामले में गांव वालों का कहना है कि सरकार कभी पशु गणना नहीं पूरी करवा सकती है?
सरकार के पास इस तरह के काम के लिए पैसा है पर यहा किसान दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। उनके बारे में सरकार को कोई चिंता नहीं है। ना ही सड़क में अन्ना घूमने वाले पशुओं के बारे में कुछ सोचा जाता है? क्या सरकार तीन महीनें में यह गणना पूरी करवा पायेगी? या रहे पांच साल के जैसे इस बार भी अधूरा काम ही करेगी?