खबर लहरिया ताजा खबरें क्या कभी कोई सरकार फैक्ट्री चालू करवानें के बारे में सोचेगी

क्या कभी कोई सरकार फैक्ट्री चालू करवानें के बारे में सोचेगी

बंद पड़ी ग्लास फैक्ट्री

 

बुन्देलखंड बहुत ही पिछड़ा इलाका है, यहां पर बेरोजगारी के कारण लोग पलायन करनें को मजबूर रहते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी बीती जा रही है, पर कोई भी सरकार लोगों को पलायन करनें और बेरोजगारी खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठा पाई है। ना ही इस क्षेत्र में कोई फैक्ट्री आदि है, जिससे लोग अपना परिवार चला सकें। सोचने वाली बात यह है, कि चित्रकूट जिला के बरगढ क्षेत्र में बनी ग्लास फैक्ट्री, जिसके लिए दो हजार करोड़ खर्च किए गये, पर यह फैक्ट्री नाम के लिए बनी थी, काम कभी चालू नहीं हुआ?

28 जून 1989 को भारत की सबसे बड़ी ग्लास फैक्ट्री का शिलान्यास मुख्यमंत्री नारायन दत्त तिवारी ने किया था। जिसका उदेदश्य था, कि इलाके के दस हजार बेरोजगारों को काम मिलेगा, पर ऐसा हुआ नहीं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने 1991 में इस फैक्ट्री का उदघाटन भी किया था। इस सोच के साथ, कि उस फैक्ट्री से प्रति वर्ष 30 करोड़ माल खरीदा जायेगा, पर यह सब सपना बन कर रह गया। बेरोजगारी कल भी थी और आज भी है। कोई भी सरकार क्यों नहीं फैक्ट्री चालू करने के बारे में सोच रही है?

क्या केवल यह एक राजनीतिक मुददा बना रहेगा? या कभी जनता के लिए ठोस निर्णय सरकार लेगी?  सरकार ने क्यों नहीं सोचा अभी तक फैक्ट्री चालू करने के लिए ?कब तक आम जनता इस तरह से बेरोजगारी की मार झेलती रहेगी? कभी सरकार ने इनके परिवारों के बारे में क्यों नहीं सोचा है ?