Loksabha Election 2019, Election Ticket for Womens, Hindi News
राजनीति महिलाओं के मुद्दों पर की जाती है और उससे बहुत फायदे मिलते हैं राजनीतिक लोगों को, पर उनको इस क्षेत्र में लाने के लिए नहीं सोचा जाता। राजनीति में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण किताबी बातें बन कर रह गया।
इस क्षेत्र में जानबूझ कर महिलाओं को पीछे रखा गया है। और उनको पंचायतीराज में सीट देकर उनको गुमराह किया जा रहा है कि उनको मौके हैं चुनाव में भी। पर मुझे लगता है कि मौके तो हैं पर सत्ता पुरूष के ही हाथ में होती है। वहां पर इतना ध्यान देने वाला कोई नहीं है पर लोकसभा और विधान सभा में महिलाओं के पद का गलत इस्तेमाल नहीं कर पायेगें वह जागरूक होंगी। वह सवाल उठायेंगी और दूसरे लोग भी उठायेंगे।
जब भी महिलाएं चुनाव में आती हैं तो पुरूषों को डर लगता है कि वह उन्के काम को चुनौती देंगी। यह किसी से छिपा नहीं कि महिलाए जो भी काम करती है वह पुरूषों की अपेक्षा लाख गुना अच्छा होता है। अब क्या इन महिलाओं को भी बाकी अधिकारों के लिए अपने अधिकार छीनने होंगे।
हमारे बुंदेलखंड से लोकसभा चुनाव में भावी उम्मीदवार के नाम सुझाये जा रहे हैं जिनमें महिलाओं के नाम नहीं हैं। क्या राजनैतिक पार्टियां महिलाओं की सीट भी देगी। क्योकि सम्पत पाल तो 33 ही नही 50 प्रतिशत तक महिलाओं को सीट देने की बात बोल रही हैं। इस बार क्या महिलाएं होंगी चुनाव में।