समय बदल रहा है। लड़के हो या लड़कियां पढ़ाई के सिलसिले में या जॉब के लिए बाहर जातें हैं। रहने के लिए रूम तो चाहिए ही होता है। ऐसे में जब लड़कियां या महिलाए रूम ढूंढती हैं तो उनसे तरह-तरह के सवाल किए जाते हैं। कौन-कौन आएगा, कितने लोग रहेंगे, अकेले क्यों रहोगी, कितने समय घर से जाओगी। कितने समय आओगी… बड़ा मुश्किल होता है उन्हें रूम मिल पाना। हर जगह सवालों की झड़ी लग जाती है। जवाब देते-देते गुस्सा आने लगता है।
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वहीं अगर लड़के रूम ढूंढ़ रहे होते हैं तो उन्हें आसानी से रूम मिल जाता है। ऐसा नहीं है कि उनसे सवाल नहीं पूछे जाते। पूछे जाते हैं लेकिन इतने ज़्यादा नहीं। लड़कियों को कभी-कभी रूम ढूंढने में हफ़्तों लग जाते हैं।
रूम लेकर अलग रहना भी लड़कियों को समाज के नजरों में गलत माना जाता है। अगर वो परिवार से अलग रह रही है और अगर कोई लड़का आया तो बस कोई ब्वॉयफ्रेंड ही होगा। पुरुष को छवि देखते उनमें सौ तरह के ख्याल गोते खाने लगते हैं।
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