सावन का महीना लोगों में एक उत्साह लेकर आता है। इस मौसम में महिलाएं हाथों में हरी-हरी चूड़ियां पहनती हैं और मेहंदी लगाती हैं।
महोबा कुलपहाड़ की रहने वाली महिलाओं का कहना है कि इस महीने में वह हरी चूड़ियां पहनती हैं। पेड़-पौधों में हरियाली छाई होती है। इस मौसम में हरी चूड़ियां और हरे पौधे एक-दूसरे से मैच करते हैं।
वह यह भी बताती हैं कि पुराने लोगों का कहना था कि सावन में हरी चूड़ियां पहनना शुभ होता है। इसलिए वह पहनती हैं। जिस तरह से वातावरण हरा-भरा होता है वैसे ही लोगों के मन में भी हरियाणा छाई होती है। हर महिला के हाथ में आपको हरी चूड़ियाँ ज़रूर दिखाई देंगी।
जो कस्बे में चूड़ियों की दुकान लगाती हैं उनका कहना है कि पहले और अब में बहुत फ़र्क आ गया है। पहले महिलाएं बाहें-बाहें भर चूड़ी पहनती थी। कम से कम दर्जनों चूड़ियाँ पहनती थी अब वह हाथों में छह चूड़ी या आठ चूड़ी ही पहनती हैं।
यह बुंदेलखंड के कल्चर का हिस्सा है। खासकर सावन के महीने में महिलाओं द्वारा हरी-हरी चूड़ियां पहनना।
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