2018 में, भारत में #MeToo आंदोलन ने महिलाओं को सामने आ कर अपनी यौन हिंसा की बातें साझा करने का एक मंच प्रदान किया। Me Too का मतलब है “मैं भी।” यह महिलाओं के लिए एक तरीका था यह कहने का कि उन्होंने भी यौन हिंसा का सामना किया है, लेकिन वे अब तक न्याय की मांग करने में सक्षम नहीं रही हैं।
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