Jasoos Ya Journalist, Why did the culprit get the victim’s punishment?
गिरवा थाना क्षेत्र के एक गांव का मामला सामने आया था। मुकदमा वापस लेने के दबाव के चलते, रेप पीड़िता लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। हालांकि पुलिस ने दोबारा से उस केस में धारा बढ़ा कर कार्यवाही करने की बात कर रही है। पर अभी भी अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर है।
मामला बांदा जिला के गिरवा थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां पर जुलाई 2018 में एक उच्च जाति के कुलदीप नाम के लड़के ने लड़की के साथ रेप किया था। पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत गिरवा थाना में की थी।
पुलिस ने मामला को गंभीरता से लेते हुए थाने पर बलात्कार जैसी धारा लगाकर मुकदमा पंजीकृत किया था। साथ ही लड़की की डॉक्टरी परीक्षण कराकर अपराधी को पकड़ जेल भेजा था।
पर यह मामला यही पर खत्म नहीं हुआ अपराधी 8 महीना बाद जेल से वापस आने के बाद पीड़ित परिवार के ऊपर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने लगा साथ ही उनको आए दिन जान से मारने की धमकी भी देता था जिसके चलते रेप पीड़ित लड़की परेशान होकर 25 फरवरी 2019 को घर मे फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेती है।
बताया जा रहा है कि जिस दिन लड़की ने फांसी लगाई थी, उस भी अपराधी पीड़ित परिवार के घर आया था, घर मे कोई नही था, सब मजदूरी के लिए खेत चले गए थे। सूत्रों के अनुसार पीड़ित लड़की और अपराधी के बीच दुबारा कुछ विवाद हुआ था। जिसके चलते लड़की ने फांसी लगा कर जान दे दी।
अब सवाल यह उठ रहा है कि सरकार महिलाओ के लिए बड़े बड़े नियम कानून बनाती है। पर अपराधियो पर इसका कोई असर नही हो रहा है। लगातार महिलाओ के साथ हिंसा बढ़ रही है। और बढ़े भी क्यों न, जब हमारी कानून व्यवस्था ही घड़ाम है। अपराधी खुलेआम घूम रहा है, पुलिस हाथ मे हाथ धरे कानून बता रही है।