जिला बांदा। इंडियन बैंक मोहतरा शाखा जो अतर्रा कस्बे में स्थित हैl इस बैंक में दसियों हजार से ऊपर खाता धारक हैं। उनका आरोप है कि वह बैंक कर्मचारियों की मनमानी के चलते पैसा निकालने, इंट्री कराने सहित अन्य कई कामों में बड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
बैंक कर्मचारियों पर क्यों गुस्सा हैं ग्रामीण?
बात दिसंबर 2020 की है। हस्तम गांव के रहने वाले खाताधारक जगप्रसाद बड़े ही गुस्से के साथ बोले की लगभग 4 दिन से मैं बैंक आ रहा हूँ। इस बैंक में मेरा खाता हैं। बैंक वाले जन सेवा केंद्र जाने को बोलते हैं और जन सेवा केंद्र जाते हैं, तो वह बैंक के लिए बोलते हैं। पैसे के लेनदेन के लिए और पासबुक में एंट्री कराने के लिए घर के काम और मजदूरी दोनों का बहुत ही नुकसान हो रहा है। हम गरीब आदमी अगर एक दिन मजदूरी करने नहीं जाते तो घर के साथ सब्जी और खाने पीने में बाधाएं खड़ी हो जाती हैं। पर क्या करें मजदूरी करते हैं तो पैसा खाते में ही आता है इसलिए मजबूरी बस बैंक में खाता खुलवाना पड़ता है।
बैंक में कैश के नाम पर मिल रहा चिल्लर
जगप्रसाद ने आगे बताया कि अगर पैसा देते भी हैं, तो पांच-पांच का सिक्का चिल्लर में पकड़ा देते हैं। अब बताइए कि अगर हमें दो चार हजार रुपये निकालने हैं और उसका पूरा सिक्का ही मिल जाएगा तो हम बाजार में उसे लेकर घूमेंगे कि आपनी मार्केट करेंगे? क्योंकि वही चिल्लर ही दो से पांच किलो वजन का हो जाएगा। अगर चिल्लर लेने से मना कर रहे हैं, तो पैसे ही नहीं दे रहे हैं। और इतना चिल्लर देकर हम कोई सामान खरीदते हैं तो दुकानदार भी गुस्सा होते हैं। बैंक के अंदर तो घुसने भी नहीं दिया जाता की कुछ बात भी कर सकें।
बढ़ने के बजाय खाते से कम हो रहे पैसे
सुनीता जो की ग्राम पंचायत महोतरा मजरा उसरापुरवा की रहने वाली हैं बताती हैं कि वह अपने बच्चे का खाता चेक कराने आई थी। उसके बच्चे के खाते में स्कूल का वजीफ़ा आना था लेकिन नहीं आया पर जब पति का खाता चेक कराया तो 500 रूपये में से 300 रूपये ही बचे थे। अब पता नहीं खाते से दो सौ रुपया कैसे कटा और कहां गया। उस महिला की ये बात सुन और कई लोगों ने बताया कि उनके खाते से भी पैसे निकालने में ₹50 रूपये काटा जा रहा है। अब क्यों काटा जा रहा है इसका कारण है नहीं बताया जा रहा जिससे वह काफी परेशान हैं
बैंक में खाता धारकों से किया जाता है अभद्र व्यवहार- अनारकली
अतर्रा कस्बे के दामूगंज मुहल्ला निवासी अनारकली का अतर्रा के इंडियन बैंक मोहतरा शाखा में मेरा खाता खुला है। वह एक गरीब और बेसहारा महिला है जो छोटे-मोटे सामानों की सर में टोपरा रखकर गली-गली फेरी करके सामान बेचती हैं और अपना जीवनयापन करती है। अनारकली बताती हैं कि अभी हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा इस तहर के छोटे व्यवसाय के लिए 10,000 रुपये का लोन स्वीकृत हुआ है। जब अनारकली अंतिम बार 21 दिसंबर 2020 को बैंक गई तो बैंक कर्मचारियों द्वारा उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया है। और बैंक कर्मचारियों ने अंदर नहीं घुसने दिया।
खाता धारकों की बात पर बैंक मैनेजर की सफाई
इस मामले पर महोतरा शाखा बैंक मैनेजर रवि प्रकाश का कहना है कि कोरोना के कारण बैंक में भीड़ लगाने के लिए अलाउड नहीं है। इसलिए बैंक के अंदर लोगों को नहीं आने दिया जा रहा। रही बात इंट्री की तो टेक्नोलॉजी चीजें हैं कभी खराब हो जाती है, तो कभी बराबर चलती हैं, इस कारण दिक्कत होती है। चिल्लर देने की बात है तो जो बैंक में होगा उसको ही दिया जाएगा।
बैंक कर्मचारियों की लापरवाही आयेदिन सुनने को मिलती है। लेकिन कोई सुधार नहीं होता। ये जाँच का विषय है अधिकारियों को चाहिए की जाँच कर कार्यवाई करें।