जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू )हमेशा ही विवादों में घिरा रहता है. अभी पिछले महीने ही हॉस्टल के फीस बढ़ाये जाने पर बबाल हुआ था. ये मुद्दा अभी ठंडा हुआ भी नहीं कि 5 जनवरी 2020 की शाम कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू में तोड़फोड़ और छात्रों के साथ मार पीट की.
जानकारी के अनुसार नाकाबपोश बदमाशों के हाथों में लोहे की रॉड और लाठियां थी. जिनसे छात्रों को बेहरमी से पीटा गया. जिसमे लगभग २० छात्र बुरी तरह घायल हो गए. किसी का सर फूटा तो किसी के हाथ पैर में गंभीर चोटें आई है. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से ट्वीट किया है कि जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू ) में हुई हिंसा के मामले में एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है. अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि ये नकाबपोश विद्यालय के छात्र है या बाहरी बदमाश। फिलहाल ये तो जांच का विषय है
Delhi Police Sources: FIR registered in connection with violence in Jawahar Lal University yesterday. 23 students who were admitted to hospital have been discharged. #JNUViolence pic.twitter.com/eI3g7FOiU5
— ANI (@ANI) January 6, 2020
इस मुद्दे को लेकर देश भर के छात्र सड़को पर उतर आये हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं और इस हिंसा पर विरोध जाता रहे हैं. इसके साथ ही इस पर राजनितिक जंग भी छिड़ गई है. एक तरफ जहाँ गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से जेएनयू हिंसा पर बात की है और उन्हें आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. गृह मंत्री ने संयुक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी से इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं और जल्द से जल्द रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है. वहीँ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ वे (सरकार ) भाजपा के गुंडे भेजते हैं, और दूसरी तरफ पुलिस को निष्क्रिय कर देते हैं… पुलिस क्या कर सकती है, अगर उन्हें उच्च पदों से निर्देश मिले हों… यह फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक है…
West Bengal CM: Delhi's Police is not under Arvind Kejriwal rather it is under Central Govt. On one side they have sent the BJP goons & on the other side they made the Police inactive. What can Police do if they are directed by higher authority. This is a fascist surgical strike. https://t.co/oNtR1vxKCl pic.twitter.com/DivFnvGOr8
— ANI (@ANI) January 6, 2020
अब राजनीति या ब्यानबाजी को छोड़ पहले प्रशासन को उन आरोपियों की तलाश में अपना समय देना चाहिए जिसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया। साथ ही इस तरह की घटना दुबारा न हो इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।