बुंदेलखंड के बांदा जिले का अतर्रा और नरैनी क्षेत्र धान की कटोरी के नाम से फेमस है| यहां का किसान ज्यादातर धान की खेती ही करता है और यह धान अपने बुंदेलखंड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी फेमस है| इस समय धान की बुवाई का मौसम शुरू हो गया है और किसान एक से बढ़कर एक नया बीज सरकारी बीज भंडारों से और प्राइवेटो से खरीद रहे हैं तो आइए जानते हैं कि वह कौन-कौन से नए बीजों का इस्तेमाल करते हैं और उसकी पैदावार कैसी होती हैं और इस साल कौन सा नया बीज आया है जिसका इस्तेमाल कर रहे हैं|
किसानों का कहना है कि हर साल नए नए तरीके के बीच आते हैं लेकिन वह ज्यादातर पंथ 24 पंथ 12 और सोनम का ही प्रयोग करते हैं क्योंकि इनकी पैदावार बहुत अच्छी होती है नया धान बासमती पूसा आया है लेकिन उसका रेट अच्छा है पर पैदावार अच्छी नहीं है इस कारण वे उस धान को इस्तेमाल नहीं करेंगे पंथ 24 में वह 30 से 35 मन का बीघा तैयार कर लेते हैं जो मोटे के भाव में सरकारी क्रय केंद्रों में अच्छे दामों पर बिक जाता है और सोनम खाने के लिए हो जाता है जो पूसा बासमती धान का बीज है उसकी यहां पर मिले भी नहीं है इसलिए भी लोग उसका इस्तेमाल कम करते हैं और पैदावार कम है इतना महंगा लोग खरीद नहीं पाते लोगों का कहना है कि पुराने में जो चावल होते थे वह लोचंई, भैंस लोट और पार्वती इस तरह के चावल होते थे और उनकी पैदावार इतनी अच्छी नहीं होती थी इसलिए अब वह बंद हो गए हैं अब तो ज्यादातर लोग पंथ 24 और पंथ 12 का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसमें उतनी ज्यादा मेहनत भी नहीं है और फसल भी अच्छी होती है| इसलिए यही धान का बीज वह ज्यादा इस्तेमाल करते हैं